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पालघर में शेकड़ो आधार कार्ड कचरे में मिला
मुंबई के विक्रोली विक्रोली के बाइक डीलर पर चीटिंग केस दर्ज पंतनगर घाटकोपर पुलिस स्टेशन में, 1 Tc नंबर पर 330 बाइक बेची गयी ,TC नंबर mh03 tc 337 नंबर पर 2016 से अबतक 330 बाइक बेची गयी है इस घोटाले को पुलिस ने पर्दा फाश किया है, 2018 तक 100 करोड़ से ज्यादा वैल्यू का ऑनलाइन चालान बाकी था जिसपर ट्रैफिक पुलिस रिकवरी मुहिम शुरू करदी थी इस दौरान ट्रैफिक पुलिस ने घाटकोपर में एक औरत जो बाइक से नो एंट्री में tc नंबर से आतेह वक़्त पकड़ा उस लेडी के पास लाइसेंस नही था जब tc नंबर का रिकॉर्ड निकाला गया पता चला 1.24 लाख का चालान बाकी है लेडी से पूछताछ से पता छलाह की बाइक 8 दिन पहले विक्रोली के अर्चना मोटर्स से खरीदा गया था, अर्चना मोटर्स के मालिक महादेव कनेकर को चीटिंग केस में पंतनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है
एसीपी विनायक वस्त कहते हैं कि MH 03 TC 337 नंबर मूलत: आरटीओ वडाला द्वारा मुलुंड की हिंदुस्थान को-ऑप बैंक को अधिकृत जारी किया गया था। इसके अलावा यह किसी और को कभी इश्यू नहीं किया गया। तब फिर यह नंबर कैसे 330 स्कूटी मालिकों को मिला और इस नंबर को इश्यू करने से डीलरों को क्या फायदा होता है/ विनायक वस्त के अनुसार, टीसी नंबर आरटीओ से ही मिलता है और इसकी फीस व इंश्योरेंस के लिए आरटीओ में चार से पांच हजार रुपये जमा करने पड़ते हैं। डीलर ग्राहकों से यह रकम यह कहकर ले लेते हैं कि वे आरटीओ से खुद यह काम करवा लेंगे। लेकिन डीलर आरटीओ से यह काम अधिकृत करवाते नहीं और फर्जी टीसी नंबर जारी कर खुद आरटीओ में जमा करने वाली रकम अपने पास रख लेते हैं। एसीपी का कहना है कि टीसी नंबर टेंपरेरी नंबर होता है। वाहन मालिक को बाद में स्थाई नंबर पाने के लिए एक निर्धारित दिन में आरटीओ जाकर दूसरा नंबर लेना पड़ता है, इसलिए अस्थाई टीसी नंबर का यह खेल शुक्रवार से पहले कभी पकड़ में आया ही नहीं।
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