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वसई : वीवीसीएमसी के पूर्व प्रमुख अनिल कुमार की गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने वाले हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती...

वसई  : वीवीसीएमसी के पूर्व प्रमुख अनिल कुमार की गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने वाले हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती... वसई पूर्व में अब ध्वस्त हो चुकी 41 अवैध इमारतों के निर्माण और वीवीसीएमसी में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जाँच से उत्पन्न हुआ था। एजेंसी ने दावा किया कि पवार, जिन्होंने 2022 से जुलाई 2025 तक वीवीसीएमसी आयुक्त के रूप में कार्य किया, अधिकारियों, वास्तुकारों और संपर्क एजेंटों के एक गिरोह का नेतृत्व करते थे और 41 अवैध इमारतों के खिलाफ कार्रवाई न करने और भवन योजनाओं को मंजूरी न देने के बदले में रिश्वत लेते थे। ईडी ने दावा किया कि पवार को बिचौलियों और व्हाट्सएप चैट के माध्यम से ₹17.75 करोड़ से अधिक प्राप्त हुए थे, पीएमएलए की धारा 50 के तहत दर्ज किए गए कोड वर्ड और बयानों ने उन्हें अपराध की आय से जोड़ा।
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मुंबई : अवैध ढांचों को गिराए जाने को चुनौती; कानून अवैधता को पुरस्कृत नहीं कर सकता - बॉम्बे हाईकोर्ट

मुंबई : अवैध ढांचों को गिराए जाने को चुनौती; कानून अवैधता को पुरस्कृत नहीं कर सकता - बॉम्बे हाईकोर्ट बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में दोहराया है कि कानून अवैधता को पुरस्कृत नहीं कर सकता, खासकर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण से जुड़े मामलों में। जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और अद्वैत सेठना की पीठ ने शुक्रवार को संदेश लवंडे और तीन अन्य लोगों द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 9 अप्रैल, 2021 को कांदिवली पश्चिम के लक्ष्मण भंडारी चॉल में उनके ढांचों को गिराए जाने को चुनौती दी गई थी।
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मुंबई : ड्राइवर ने अपनी जमीन से बड़े कारोबारी के कब्जे को चुनौती दी और फिर उसे ढहवाया

मुंबई : ड्राइवर ने अपनी जमीन से बड़े कारोबारी के कब्जे को चुनौती दी और फिर उसे ढहवाया मुंबई जैसे शहर में अवैध निर्माण एक पुरानी बीमारी है. लेकिन कुछ लोग इस बीमारी से लड़ने का हौसला रखते हैं. जीआर खैरनार और वैभव ठाकुर दो ऐसे नाम हैं जिनकी इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. खैरनार बीएमसी के पूर्व उपायुक्त थे जिन्हें ‘डिमोलिशन मैन’ कहा जाता था. लेकिन, दूसरे व्यक्ति वैभव ठाकुर पेशे से एक ड्राइवर हैं.
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सुप्रीम कोर्ट का हिमाचल प्रदेश के 6 बागी विधायकों ने किया रुख... स्पीकर के फैसले को दी चुनौती

सुप्रीम कोर्ट का हिमाचल प्रदेश के 6 बागी विधायकों ने किया रुख...  स्पीकर के फैसले को दी चुनौती हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य से अयोग्य घोषित हो चुके इन विधायकों का कहना है कि स्पीकर ने इन्हें अपना पक्ष रखने का समय नहीं दिया। इसके अलावा नोटिस भी सिर्फ एक ही विधायक को मिला, अन्य विधायकों को नोटिस भी नहीं दिया गया। विधायकों के वकील ने यह भी कहा कि स्पीकर ने इस तरह फैसला लिया कि मानो पिटीशन में लिखी गई हर बात सत्य हो। अब सुप्रीम कोर्ट से इन विधायकों को राहत की उम्मीद है। अगर इन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलती है, तो इन सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होंगे।
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