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मुंबई : बीएमसी द्वारा संचालित अस्पतालों में डॉक्टरों से लेकर नर्सों, एक्स-रे और लैब तकनीशियनों और हाउसकीपिंग स्टाफ की भारी कमी; बुनियादी जाँच भी नहीं करवा पा रहे मरीज़ 

मुंबई : बीएमसी द्वारा संचालित अस्पतालों में डॉक्टरों से लेकर नर्सों, एक्स-रे और लैब तकनीशियनों और हाउसकीपिंग स्टाफ की भारी कमी; बुनियादी जाँच भी नहीं करवा पा रहे मरीज़  गोवंडी के शताब्दी अस्पताल में भर्ती शबनम का कहना है कि वह अब कभी भी किसी सरकारी अस्पताल पर भरोसा नहीं करेंगी। कलाई की फ्रैक्चर के लिए उसे बस नियमित सर्जरी की ज़रूरत है, लेकिन शबनम पहले ही 12 दिन अस्पताल में बिता चुकी हैं। शबनम के बेटे जावेद ने बताया, "जब हम पहली बार अस्पताल आए थे, तब कोई लैब टेक्नीशियन नहीं था, फिर एक्स-रे मशीन काम नहीं कर रही थी। लेकिन यह वाकई बेतुका हो गया जब सर्जरी के लिए उनके पास कोई एनेस्थेसियोलॉजिस्ट नहीं था। डॉक्टर सायन अस्पताल से किसी एनेस्थेसियोलॉजिस्ट के आने का इंतज़ार कर रहे थे, लेकिन वे कभी नहीं आए।"
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