नई दिल्ली : एसआईआर की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है; विपक्ष चुनाव आयोग पर हमलावर

New Delhi: SIR process is not transparent; Opposition attacks Election Commission

नई दिल्ली : एसआईआर की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है; विपक्ष चुनाव आयोग पर हमलावर

पश्चिम बंगाल के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्ष चुनाव आयोग पर हमलावर है. इस बीच कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है. कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “पूरे देश से खबर आ रही है कि एसआईआर के कारण बीएलओ पर बहुत दबाव पड़ रहा है.

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्ष चुनाव आयोग पर हमलावर है. इस बीच कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है. कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “पूरे देश से खबर आ रही है कि एसआईआर के कारण बीएलओ पर बहुत दबाव पड़ रहा है. हम लोग भी अधिकारियों को फोन करते हैं तो वे बताते हैं कि हम अभी एसआईआर के काम में लगे हुए हैं. एसआईआर जिस तरह से पहले होता था, डोर टू डोर सर्वे करके, वह नहीं हो रहा है तो ऐसे में बीएलओ पर कौन- दबाव पड़ रहा है, मुझे यह नहीं समझ आ रहा है.” उन्होंने कहा, “पहले भी एसआईआर होता था तो उसमें दो या तीन महीने रिवाइज करने का मौका मिलता था. उसके बाद लिस्ट छपती थी और मौका दिया जाता था, लेकिन इस बार पूरी प्रक्रिया ही पारदर्शी नहीं रही, जो चिंतनीय बात है.”

 

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कांग्रेस नेता ने रामभद्राचार्य के सोनिया गांधी के भारतीय नहीं होने वाले बयान पर कहा, “उनकी नजर में कौन भारतीय है और कौन नहीं, इसका कोई मतलब नहीं है. हमारे यहां लोगों की नागरिकता हमारा संविधान तय करता है, इसे कोई व्यक्ति तय नहीं करता. सोचने को कोई कुछ भी सोच सकता है. कल को मैं सोचने लगूं कि जानवर भी देश के नागरिक होने चाहिए, कोई कहने लगे कि जिसके सफेद बाल हो जाएं, वो नागरिक नहीं होना चाहिए. ऐसे में इन सभी बातों का कोई मतलब नहीं है. हमारे यहां नागरिकता संविधान और नागरिकता अधिनियम तय करती है.”

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संदीप दीक्षित ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा कि हम सभी रामभक्त हैं, लेकिन सरकार इसे विज्ञापन की तरह दिखा रही है. दीक्षित ने कहा, “हर आदमी भक्त है. सरकार धार्मिक आयोजन में मदद करती रही है, लेकिन अगर कोई इसे विज्ञापन की तरह प्रस्तुत करने लगे तो यह धर्म का राजनीतिकरण हो जाता है, जो नहीं होना चाहिए.”

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‘बंगाल में करीब 10 लाख एसआईआर फॉर्म अब तक नहीं जमा हुए’
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज कुमार अग्रवाल ने सोमवार को बताया कि राज्य में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत अब तक 10 लाख से अधिक गणना प्रपत्र वापस जमा नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये गणना प्रपत्र जमा नहीं हो सके क्योंकि मतदाता या तो अनुपस्थित हैं, नाम का दोहराव है, या मृत हैं या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं.

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अग्रवाल ने कहा, “सोमवार शाम चार बजे तक 4.55 करोड़ गणना प्रपत्रों का संग्रह और डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है। इनमें से 10.33 लाख गणना प्रपत्र एकत्र नहीं किए जा सके. यह वास्तविक समय के आंकड़े हैं.” उन्होंने बताया कि राज्य में 7.64 करोड़ गणना प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं. अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल, वितरित किए गए कुल गणना प्रपत्रों में से 1.35 प्रतिशत प्रपत्र वापस नहीं मिले हैं.