मुंबई : रोज ५०-६० दर्ज होते ब्रेन स्ट्रोक के मामले; मौत और विकलांगता का चौथा सबसे बड़ा कारण
Mumbai: 50-60 cases of brain stroke reported daily; fourth leading cause of death and disability
लकवा यानी ब्रेन स्ट्रोक जिसे लोग मामूली कमजोरी समझ लेते हैं, आज भारत में मौत और विकलांगता का चौथा सबसे बड़ा कारण बन चुका है। मुंबई जैसे महानगर में रोज ५०-६० नए मामले इसके दर्ज होते हैं, लेकिन दुख की बात है कि केवल १० प्रतिशत मरीज ही समय पर अस्पताल पहुंच पाते हैं। अधिकतर मरीज देर होने पर स्थाई विकलांगता या गंभीर न्यूरोलॉजिकल नुकसान झेलते हैं।
मुंबई : लकवा यानी ब्रेन स्ट्रोक जिसे लोग मामूली कमजोरी समझ लेते हैं, आज भारत में मौत और विकलांगता का चौथा सबसे बड़ा कारण बन चुका है। मुंबई जैसे महानगर में रोज ५०-६० नए मामले इसके दर्ज होते हैं, लेकिन दुख की बात है कि केवल १० प्रतिशत मरीज ही समय पर अस्पताल पहुंच पाते हैं। अधिकतर मरीज देर होने पर स्थाई विकलांगता या गंभीर न्यूरोलॉजिकल नुकसान झेलते हैं।
भारत में ब्रेन स्ट्रोक के बढ़ते मामलों को देखते हुए सिरिब्रोवास्कुलर सोसाइटी ऑफ इंडिया ने मुंबई में न्यूरोवास्कोन-२०२५ का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्घाटन भारत के जाने-माने वैज्ञानिक और ‘ब्रह्मोस मैन’ डॉ. ए. सिवथानु पिल्लई ने किया। इस मौके पर देशभर के प्रमुख न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स ने स्ट्रोक की रोकथाम, पहचान और समय पर इलाज पर चर्चा की। कार्यक्रम में डॉ. बतुक दिओरा ने बताया कि स्ट्रोक दो प्रकार का होता है इस्केमिक स्ट्रोक (नस में क्लॉट बनने से खून की सप्लाई रुकना) और हैमरेजिक स्ट्रोक (हाई ब्लड प्रेशर से नस फटना)। उन्होंने कहा कि समय पर लक्षण पहचान कर इलाज मिलने पर मरीज की जान बचाई जा सकती है। वहीं केईएम अस्पताल की डीन व डॉ. संगीता रावत ने कहा कि स्ट्रोक अब सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई, बल्कि ४०-५० वर्ष की उम्र के लोग भी बड़ी संख्या में प्रभावित हो रहे हैं।
गलत खानपान, तनाव, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर इसके मुख्य कारण हैं और परिवार की आपसी सलाह की वजह से होनेवाली देरी से विकलांगता के चांस ज्यादा होते हैं। उन्होंने कहा कि हर मिनट की देरी से ब्रेन को होनेवाला नुकसान बढ़ता जाता है। यदि गोल्डन आवर में इलाज मिले तो मरीज जल्दी ठीक हो सकता है। डॉ. भावना दिओरा ने युवाओं को सलाह दी कि ब्लड प्रेशर कंट्रोल करना, नमक व जंक फूड कम खाना, नियमित व्यायाम, अच्छी नींद और तनाव कम करना स्ट्रोक से बचाव के लिए जरूरी है।

