दिल्ली : याचिकाकर्ता वकील ने आत्महत्या करने की दी धमकी; जस्टिस अभय ओका भी हैरान रह गए
Delhi: Petitioner lawyer threatens to commit suicide; Justice Abhay Oka was also shocked
सुप्रीम कोर्ट में दो वकीलों के बीच आपसी झगड़े को लेकर सुनवाई हो रही थी. जस्टिस अभय एस ओका की पीठ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसकी सुनवाई कर रही थी. इस दौरान याचिकाकर्ता वकील ने पीठ को आत्महत्या करने की धमकी देने लगे. ये सुन जस्टिस अभय ओका भी हैरान रह गए. मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया. जस्टिस ओका ने याचिकाकर्ता से पूछा, “अदालत, बार काउंसिल और बार एसोसिएशन पहले ही आपसे माफी मांग चुके हैं तो आप ऐसा क्यों कह रहे हैं?”
दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में दो वकीलों के बीच आपसी झगड़े को लेकर सुनवाई हो रही थी. जस्टिस अभय एस ओका की पीठ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसकी सुनवाई कर रही थी. इस दौरान याचिकाकर्ता वकील ने पीठ को आत्महत्या करने की धमकी देने लगे. ये सुन जस्टिस अभय ओका भी हैरान रह गए. मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया. जस्टिस ओका ने याचिकाकर्ता से पूछा, “अदालत, बार काउंसिल और बार एसोसिएशन पहले ही आपसे माफी मांग चुके हैं तो आप ऐसा क्यों कह रहे हैं?” इस पर याचिकाकर्ता ने कहा, ‘मैं आत्महत्या कर लूंगा मीलॉर्ड.’ जस्टिस ओका ने बीच में टोकते हुए पूछा, "आप ऐसा क्यों कह रहे हैं? कोर्ट आपके पक्ष में आदेश जारी कर रहा है."
याचिकाकर्ता ने की मामला खारिज करने मांग तो भड़क गए जस्टिस ओका
फिर उन्होंने पूछा, "तुम्हारा अनुरोध क्या है? तुम क्या चाहते हो?" याचिकाकर्ता ने कहा, "मामला खारिज किया जाना चाहिए." यह सुनकर जस्टिस ओका नाराज हो गए और बोले, “तो आप धमकी दे रहे हैं कि अगर हम दोनों शिकायतें खारिज कर देंगे तो आप आत्महत्या कर लेंगे?” विरोधी पक्ष (प्रतिवादी) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा, "मीलॉर्ड, हम पहले दिन से ही इस तरह के अनुचित व्यवहार से निपट रहे हैं."
जस्टिस ओका ने वकील को दी चेतावनी
इसके बाद जस्टिस ओका ने याचिकाकर्ता के वकील को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा, "हम आपको सख्त चेतावनी दे रहे हैं. अगर आप कोर्ट को धमकाते हैं, तो हम आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश देंगे. हम बार के सदस्य से ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेंगे." उन्होंने आगे कहा कि हम दो कार्रवाई करेंगे: पहला, हम एफआईआर दर्ज करने का आदेश देंगे और दूसरा, इसे कदाचार माना जाएगा. हम बार काउंसिल से आपके खिलाफ कार्यवाही शुरू करने और आपके पंजीकरण को निलंबित करने की सिफारिश करेंगे.

