मुंबई के सात लोकल रेलवे स्टेशनों के नामों में बदलाव करने का फैसला
Decision to change the names of seven local railway stations of Mumbai
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के सात लोकल रेलवे स्टेशनों के नामों में बदलाव करने का फैसला किया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मंत्री चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में महाराष्ट्र परिषद द्वारा लिया गया है। स्टेशनों के नाम बदलने का उद्देश्य शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को बेहतर ढंग से दर्शाना है। इन बदलावों का लक्ष्य स्थानीय नायकों, ऐतिहासिक शख्सियतों और महत्वपूर्ण घटनाओं को सम्मानित करना है, जिससे शहर के समृद्ध अतीत और वर्तमान के बीच गहरा संबंध स्थापित हो सके.
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के सात लोकल रेलवे स्टेशनों के नामों में बदलाव करने का फैसला किया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मंत्री चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में महाराष्ट्र परिषद द्वारा लिया गया है। स्टेशनों के नाम बदलने का उद्देश्य शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को बेहतर ढंग से दर्शाना है। इन बदलावों का लक्ष्य स्थानीय नायकों, ऐतिहासिक शख्सियतों और महत्वपूर्ण घटनाओं को सम्मानित करना है, जिससे शहर के समृद्ध अतीत और वर्तमान के बीच गहरा संबंध स्थापित हो सके.
स्टेशनों के नाम बदलने का प्रस्ताव महायुति सरकार द्वारा केंद्र सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. पहले भी मुंबई में कुछ प्रतिष्ठित स्टेशनों के नाम बदले गए हैं, जैसे कि विक्टोरिया टर्मिनस का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और एल्फिन्स्टन रोड का नाम बदलकर प्रभादेवी किया गया. मुंबई के ज्यादातर लोकल स्टेशनों के नाम अंग्रेजी में थे, जो औपनिवेशिक विरासत को दर्शाते हैं. इसलिए, यह तर्क दिया गया कि इन नामों को बदलकर स्थानीय संस्कृति और इतिहास को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इन स्टेशनों का नाम बदलने का मुख्य उद्देश्य मुंबई की विविध और समृद्ध विरासत को पुनर्जीवित करना है, जिससे स्थानीय लोगों में अपनी पहचान और गौरव की भावना मजबूत हो.
महाराष्ट्र सरकार ने पहले भी कई शहरों और जिलों के नाम बदले हैं. उदाहरण के लिए, औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव कर दिया गया था.
भारत में हाल के वर्षों में कई शहरों, कस्बों और रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए हैं:
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