आईआईटी बॉम्बे के शोधकर्ताओं ने मिट्टी में मौजूद विषैले प्रदूषकों को खत्म करने के साथ ही उपयोगी पोषक तत्व को बढ़ाने में सहायक बैक्टीरिया की खोज की
IIT Bombay researchers have discovered bacteria that can eliminate toxic pollutants in soil as well as increase useful nutrients
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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के शोधकर्ताओं ने ऐसे बैक्टीरिया की खोज की है। जो मिट्टी में मौजूद विषैले प्रदूषकों को खत्म करने के साथ ही उपयोगी पोषक तत्व को बढ़ाने में सहायक साबित होंगे। ‘जर्नल एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन’’ में प्रकाशित हालिया अध्ययन के मुताबिक शोधकर्ताओं ने मिट्टी से कार्बनिक प्रदूषकों को हटाने के लिए विशेष जीवाणु प्रजातियों (स्यूडोमोनास और एसिनेटोबैक्टर) का उपयोग किया।
मुंबई : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के शोधकर्ताओं ने ऐसे बैक्टीरिया की खोज की है। जो मिट्टी में मौजूद विषैले प्रदूषकों को खत्म करने के साथ ही उपयोगी पोषक तत्व को बढ़ाने में सहायक साबित होंगे। ‘जर्नल एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन’’ में प्रकाशित हालिया अध्ययन के मुताबिक शोधकर्ताओं ने मिट्टी से कार्बनिक प्रदूषकों को हटाने के लिए विशेष जीवाणु प्रजातियों (स्यूडोमोनास और एसिनेटोबैक्टर) का उपयोग किया। ये बैक्टीरिया पौधों के विकास हार्मोन को बढ़ावा देने, हानिकारक कवक के विकास को रोकने और पौधों को आवश्यक पोषक तत्व आसानी से उपलब्ध कराने में भी मदद करते हैं।
संदेश पापड़े ने दी जानकारी
आईआईटी बॉम्बे के बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर प्रशांत फले के मार्गदर्शन में अपनी पीएचडी के लिए शोध करने वाले संदेश पापड़े ने कहा कि कीटनाशक के रूप में सुगंधित यौगिकों (बेंजीन जैसी वलय संरचना वाले कार्बनिक यौगिक) से मिट्टी के पोषत तत्व का क्षरण होता है, जो वर्तमान में कृषि उद्योग की प्रमुख समस्याओं में से एक है।
उन्होंने कहा कि स्यूडोमोनास और एसिनेटोबैक्टर प्रजाति के बैक्टीरिया फॉस्फोरस और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों को घुलनशील रूपों में परिवर्तित करते हैं, जो पौधों के लिए आसानी से उपलब्ध होते हैं। साथ ही, ये बैक्टीरिया इंडोल एसिटिक एसिड का उत्पादन करते हैं, जो पौधों की वृद्धि को बढ़ाता है। मिट्टी को साफ करने के अलावा, ये बैक्टीरिया उर्वरता बढ़ाते हैं और पौधों को स्वस्थ और मजबूत बनाते हैं। पापड़े ने आगे बताया कि स्यूडोमोनास और एसिनेटोबैक्टर के मिश्रण का उपयोग गेहूं, मूंग, पालक, मेथी आदि फसलों पर किया गया तो नतीजे शानदार रहे। इस मिश्रण से फसल की वृद्धि और उपज में वृद्धि देखने को मिली।