कवि नारायण सुर्वे के घर पर की थी चोरी... पछतावा होने पर सब सामान वापस रख गया चोर, पुलिस कर रही तलाश
Poet Narayan Surve's house was robbed... The thief put all the stuff back after feeling remorse, police is searching for him
चोर दूसरे दिन भी सुर्वे के घर में दाखिल हुआ, तो उसकी नजर सुर्वे के चित्रों पर पड़ी, जिससे उसे पता चला कि उसने किसके घर में चोरी की है। चोर ने यह जानकारी अपने नोट में दी, जिसमें उसने बताया कि वह इतने महान लेखक के घर में चोरी करने को लेकर शर्मिंदा है और जो कुछ भी घर से लेकर गया था, सब लौटा रहा है।
मुंबई: महाराष्ट्र के रायगढ़ से एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक चोरर ने पहले मशहूर कवि नारायण सुर्वे के घर पर चोरी की। लेकिन अपने कृत्य का उसे इतना पछतावा हुआ कि उसने सारा सामान वापस रख दिया। यहीं नहीं, उसने माफी भी मांगी।
यह कहानी फिल्मी कतई नहीं है। चोर को जब पता चला कि उसने चोरी मशहूर मराठी कवि नारायण सुर्वे के घर की है तो उसे इतना पछतावा हुआ कि सारा सामान वापस घर में रख गया। यही नहीं नोट छोड़ा जिसमें अपनी करतूत के लिए माफी मांगी। इस साहित्य प्रेमी चोरी की खबर वायरल हो रही है।
वाकया महाराष्ट्र के रायगढ़ का है। फिलहाल, पुलिस ने उस टीवी से चोर के फिंगरप्रिंट लिए हैं, जिसे वह चुरा ले गया था, लेकिन बाद में घर में वापस रख गया था। मुंबई में जन्मे सुर्वे की कविताओं में शहरी मजदूर वर्ग के संघर्षों को दर्शाया गया है। खुद गरीबी में पले-पढ़े सुर्वे ने श्रमिक और कामगारों के संघर्ष में छिपे गौरव को अपनी कविताओं के जरिये आमजन तक पहुंचाया।
2010 में 84 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। रायगढ़ के नेरल इलाके में फिलहाल उनके घर में उनकी बेटी सुजाता और दामाद गणेश घड़े रहते हैं। वे करीब 10 दिन के लिए अपने बेटे से मिलने के लिए विरार गए थे। इसी दौरान चोर ने उनके घर से एक एलईडी टीवी और अन्य सामान को चुराया।
उस्मान अली, मेरे शब्द, एक नए घमासान में, दबाव नहीं डालें आप, माफ कीजिए, रायटर्स पार्क, पोस्टर जैसी चर्चित मराठी कविताओं के लिए पहचाने जाने वाले सुर्वे प्रसिद्ध मराठी कवि बनने से पहले की जिंदगी एक अनाथ बच्चे के रूप में मुंबई की गलियों में गुजरी। उन्होंने घरेलू सहायक, होटल में बर्तन मांजने, बच्चों की देखभाल, पालतू कुत्ते की देखभाल, दूध वाले, कुली और एक मजदूर के तौर पर काम किया।
चोर दूसरे दिन भी सुर्वे के घर में दाखिल हुआ, तो उसकी नजर सुर्वे के चित्रों पर पड़ी, जिससे उसे पता चला कि उसने किसके घर में चोरी की है। चोर ने यह जानकारी अपने नोट में दी, जिसमें उसने बताया कि वह इतने महान लेखक के घर में चोरी करने को लेकर शर्मिंदा है और जो कुछ भी घर से लेकर गया था, सब लौटा रहा है।
हालांकि, सुजाता और उनके पति ने घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और चोर का पता लगाया जा रहा है। नेरल थाने के पुलिस इंस्पेक्टर शिवाजी धवले ने बताया कि सुजाता और गणेश रविवार (14 जुलाई) को विरार से घर लौटे, तो उन्हें चोर नोट मिला।

