मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग... सुरक्षा तंत्र पर `१,२५० करोड़ का प्रोजेक्ट !
Mumbai-Nagpur Samriddhi Highway...`1,250 crore project on security system!
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आईटीएमएस के तहत हाईवे पर नियमित अंतराल पर कैमरे होंगे, ये कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे। कंट्रोल रूम द्वारा हाईवे पर २४ घंटे निगरानी रखी जाएगी, इस सिस्टम के जरिए तेज गाड़ी चलाने, अनुचित ओवरटेकिंग आदि पर नजर रखी जाएगी।
मुंबई : मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग पर हादसों का सिलसिला अब भी जारी है। इस महामार्ग ने न जाने कितने परिवारों को अनाथ किया है। सरकार द्वारा बस महामार्ग का निर्माण कर दिया गया, लेकिन उन बुनियादी जरूरतों का ध्यान नहीं दिया गया, जिससे लोगों की जान न जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर २०२२ में नागपुर से नासिक तक ५२० किलोमीटर के रास्ते का उद्घाटन किया था, लेकिन इस हाईवे पर कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है। दुर्घटनाओं का आंकड़ा कम करने के लिए इस सरकार की नींद बहुत देरी से खुली है। लोग इस हाईवे का इस्तेमाल करने से डरने लगे हैं।
इसी बीच अब हाईवे के रख-रखाव और यातायात की निगरानी के लिए १९ कंपनियां तैयार की जाएंगी। यह निगरानी ड्रोन के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के जरिए की जाएगी। इस सिस्टम का काम आने वाले एक वर्ष में पूरा किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट की लागत १,२५० करोड़ रुपए है। सरकार के इस प्रस्ताव में एक नए घोटाले की तैयारी दिख रही है। इस सुरक्षा प्रोजेक्ट के लिए इसकी बढ़ी लागत को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) मुंबई और नागपुर को जोड़ने के लिए समृद्धि हाईवे का निर्माण कर रहा है।
पोटी के आगे भरविर खुर्द से नागपुर के पास शिवम डाका तक ६०० किमी लंबी सड़क १२ चरणों में पूरी की गई है। १२३.६२ किमी लंबा मार्ग अभी शुरू नहीं हुआ है। चूंकि यह हाईवे फ्री है इसलिए इस पर गाड़ियां चल रही हैं, पर हाईवे की हालत खराब हो गई है। एमएसआरडीसी ने इसके पूरा होने तक अत्याधुनिक तरीके से राजमार्ग पर यातायात की निगरानी करने की पहल की है।
आईटीएमएस के तहत हाईवे पर नियमित अंतराल पर कैमरे होंगे, ये कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे। कंट्रोल रूम द्वारा हाईवे पर २४ घंटे निगरानी रखी जाएगी, इस सिस्टम के जरिए तेज गाड़ी चलाने, अनुचित ओवरटेकिंग आदि पर नजर रखी जाएगी।
जरूरत पड़ने पर ड्रोन कैमरे भी घुमाए जाएंगे। इस प्रकार की व्यवस्था संबंधित ठेकेदार को बनानी होगी तथा इसे क्रियान्वित करना होगा। इसके लिए टेंडर जारी किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, टेंडर की आखिरी तारीख २१ दिसंबर है। हाईवे सीधा होने की वजह से लोग हाईवे हिप्नोटिज्म का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा पूरे मार्ग में कहीं भी ठहराव न होने के कारण लोग इसका शिकार हो रहे हैं। समृद्धि महामार्ग के १६ स्थानों पर रोड साइड सुविधाएं देने के लिए टेंडर जारी किया गया था।