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१८ लाख कर्मचारियों को झटका, सरकार के खिलाफ आंदोलन उग्र होगा
Shock to 18 lakh employees, agitation against the government will be fierce
सरकारी कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर राज्यभर से १५ लाख से अधिक कर्मचारी आंदोलन पर हैं।
मुंबई, इन कर्मचारियों के पेंशन की घाव पर राज्य सरकार मरहम लगाने के बजाय नामक छिड़क दिया है, जिस दिन वे आंदोलन कर पेंशन की मांग के साथ सरकारी कार्यालयों में निजीकरण का विरोध कर रहे थे, उसी रात राज्य सरकार ने जानबूझकर राज्य में १४० से अधिक श्रेणी में निजी कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर अनुमति दी और इस संदर्भ में परिपत्र जारी किया। सरकार के इस असंवेदनशील कृत्य से सरकारी कर्मचारियों में गुस्सा फूट पड़ा है। बड़ी संख्या में शिक्षक कर्मचारियों सहित अन्य ने जमा होकर सरकार के परिपत्र को फाड़कर जलाया और सरकार विरोधी नारे लगाए।
बता दें कि वर्ष २०१७ में पिछली फडणवीस सरकार ने क्रिस्टल एवं ब्रिक्स नामक कंपनी को राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कुशल, अर्ध कुशल एवं अकुशल कर्मचारियों की आपूर्ति के लिए अनुमति दी थी, जिसे अब एक बार फिर सुधारित करते हुए सरकार ने जारी किया है। इसके तहत ठेकेदार के कर्मचारी सरकारी विभागों में काम करेंगे। आश्चर्य तो यह है कि सरकार वेतन का पैसा ठेकेदारों को देगी बाद में वे उसमें से कटौती कर कर्मचारियों को देंगे।
महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद के मुंबई कार्य अध्यक्ष शिवनाथ दराडे ने कहा कि सरकार निजी कंपनियों को नफा पहुंचाने के उद्देश्य से सरकारी कार्यालयों में ठेकेदारों के कर्मचारियों से कम लेगी। इसमें कर्मचारी का बड़ा शोषण होगा। दराडे ने कहा कि एक तरफ हम पेंशन की मांग कर रहे हैं और दूसरी तरफ सरकार निजीकरण को बढ़ावा देनेवाले निर्णय जारी कर रही है, जिसका विरोध हम सभी सरकारी कर्मचारियों की तरफ से किया जा रहा है। इस बेरहम सरकार के खिलाफ आंदोलन और उग्र होगा।
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