
बीजेपी पार्षद अस्मिता चौधरी के पति का अवैध निर्माण पड़ा भारी... मुंबई हाईकोर्ट ने रद्द की पार्षद पत्नी की सदस्यता
Illegal construction of BJP councilor Asmita Chowdhary's husband cost a lot... Bombay High Court canceled the councilor's wife's membership
मुंबई हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण में पति की संलिप्तता उजागर होने पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए राजेश चौधरी की पत्नी पूर्व बीजेपी पार्षद अस्मिता चौधरी का नामांकन के साथ ही नगरसेवक पद रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट द्वारा नगरसेवक पद रद्द किए जाने से तमाम पूर्व जनप्रतिनिधियों में हड़कंप मच गया है।
भिवंडी : मुंबई हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण में पति की संलिप्तता उजागर होने पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए राजेश चौधरी की पत्नी पूर्व बीजेपी पार्षद अस्मिता चौधरी का नामांकन के साथ ही नगरसेवक पद रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट द्वारा नगरसेवक पद रद्द किए जाने से तमाम पूर्व जनप्रतिनिधियों में हड़कंप मच गया है।
गौरतलब हो कि 2017 में भिवंडी निजामपूर शहर, महानगरपालिका चुनाव में प्रत्याशी के तौर पर प्रभाग क्रं. 23 (ब) से बीजेपी की तरफ से महिला आरक्षित स्थान के लिए अस्मिता राजेश चौधरी और शिवसेना की प्रत्याशी नेहा केतन पाटील ने नामांकन दाखिल किया था।
नामांकन पत्र जांच के दौरान तत्कालीन चुनाव निर्णय अधिकारी नंदकुमार कोष्टी के समक्ष शिवसेना प्रत्याशी नेहा केतन पाटिल ने बीजेपी प्रत्याशी अस्मिता चौधरी के पति राजेश चौधरी पर वन भूमि कब्जा कर अवैध निर्माण किए जाने का मामला संज्ञान में लाते हुए नामांकन पत्र रद्द की मांग करते हुए आवश्यक कागजात दिए थे।
बीजेपी प्रत्याशी अस्मिता चौधरी के पति राजेश हरीशचंद्र चौधरी को वन विभाग द्वारा जारी अवैध निर्माण की नोटिस दिए जाने के बाद भी चुनाव निर्णय अधिकारी ने कोई सुनवाई न करते हुए अस्मिता राजेश चौधरी का नामांकन वैध करार दिया था। बीजेपी प्रत्याशी के पति के खिलाफ अवैध निर्माण शिकायत के बाद भी चुनाव निर्णय अधिकारी द्वारा ठोस जरूरी निर्णय नही लेने से महानगरपालिका चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी अस्मिता राजेश चौधरी चुनाव जीत गई।
अवैध निर्माण की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर चुनाव अधिकारी के निर्णय के खिलाफ नेहा केतन पाटील के अधिवक्ता आर. आर त्रिपाठी ने दिवाणी न्यायालय भिवंडी में याचिका दाखल कर न्याय की फरियाद की थी।
अधिवक्ता आर. आर त्रिपाठी ने कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव निवडणूक निर्णय अधिकारी का गलत निर्णय रद्द कर अस्मिता राजेश चौधरी का नामांकन रद्द अमान्य कर जीत को चुनौती दी। भिवंडी कोर्ट में न्याय नहीं मिलने पर शिवसेना प्रत्याशी नेहा पाटिल ने न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हाईकोर्ट न्यायाधीश ने अधिवक्ता आर. आर त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका की सुनवाई पेश कागजात और तथ्यों के आधार पर करते हुए अस्मिता राजेश चौधरी का नामांकन ही अवैध करार देते हुए नगरसेवक पद रद्द कर दिया है।
हाईकोर्ट के निर्णय से अवैध निर्माण में लिप्त तमाम पूर्व और आगामी महानगरपालिका चुनाव लडने के इच्छुकों में हड़कंप मचा हुआ है। शहर के प्रबुद्ध नागरिकों ने हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए अवैध निर्माण में पति की संलिप्तता साबित होने पर पार्षद पद रद्द होना भिवंडी महानगरपालिका के इतिहास में ऐतिहासिक करार दिया है।
कानूनी जानकारों की माने तो अवैध निर्माण में संलिप्तता उजागर होने के बाद अस्मिता राजेश चौधरी अब कभी भी महानगरपालिका चुनाव लडने के लिए पूर्णतया अपात्र हो गई हैं। हाईकोर्ट ने महानगरपालिका प्रशासन को नेहा पाटिल को पूर्व नगरसेविका के नाम से रिकार्ड में शामिल करने का आदेश भी दिया है।
हाईकोर्ट के निर्णय से आगामी महानगरपालिका चुनाव में चुनाव लड़ने के इच्छुक तमाम दावेदारों के समक्ष अवैध निर्माण में संलिप्त होने पर कड़ी कार्यवाही के आसार प्रबल हो गए हैं। हाईकोर्ट के निर्णय से अवैध निर्माण में लिप्त और चुनावी समर में उतरने वाले तमाम संभावित प्रत्याशियों में हड़कंप मचा हुआ है।
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