मुंबई : वारिस पठान का वक्फ कानून को लेकर बड़ा बयान; 3 अक्टूबर को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन स्थगित करने का फैसला
Mumbai: Waris Pathan makes a major statement regarding the Waqf Act; decision to postpone the protest planned for October 3rd.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता वारिस पठान ने वक्फ कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने पहले वक्फ कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी। यह प्रदर्शन कुछ समय तक चला, लेकिन बाद में रोक दिया गया। अब बोर्ड ने 3 अक्टूबर को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को स्थगित करने का फैसला किया है, ताकि त्योहारी सीजन के दौरान किसी भी तरह की असुविधा न हो। यह कदम सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की दिशा में उठाया गया है।
मुंबई: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता वारिस पठान ने वक्फ कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने पहले वक्फ कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी। यह प्रदर्शन कुछ समय तक चला, लेकिन बाद में रोक दिया गया। अब बोर्ड ने 3 अक्टूबर को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को स्थगित करने का फैसला किया है, ताकि त्योहारी सीजन के दौरान किसी भी तरह की असुविधा न हो। यह कदम सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की दिशा में उठाया गया है।
वारिस पठान ने उत्तर प्रदेश की स्थिति पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ न तो संविधान का सम्मान करते हैं और न ही सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का पालन करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे राज्य में अराजकता का माहौल है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी हो रही है। यह स्थिति लोकतांत्रिक मूल्यों और कानून के शासन के लिए खतरा है। प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम रहे, सरकार को इस दिशा में काम करना चाहिए।
इसके अलावा, वारिस पठान ने महाराष्ट्र में हाल ही में आई भयंकर बाढ़ पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा ने राज्य में भारी तबाही मचाई है, खासकर किसानों को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं और कई किसानों की आजीविका संकट में है। मैं महाराष्ट्र सरकार से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत और मुआवजा प्रदान करने की मांग करता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को तेज करना चाहिए और किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। जनता की समस्याओं को अनदेखा करना लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।

