ठाणे: अवैध बांग्लादेशी समझकर पश्चिम बंगाल के नागरिक को बांग्लादेश भेज दिया
Thane: A West Bengal citizen was sent to Bangladesh thinking he was an illegal Bangladeshi
महाराष्ट्र पुलिस ने रोजगार की तलाश में घूम रहे एक व्यक्ति को अवैध बांग्लादेशी समझकर पश्चिम बंगाल के नागरिक को उठा लिया। सीमा सुरक्षा बल ने उसे पड़ोसी देश की सीमा पर भेज दिया। इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार के अनुसार, पश्चिम बंगाल पुलिस, राज्य प्रवासी कल्याण बोर्ड के हस्तक्षेप और भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बावजूद महाराष्ट्र पुलिस और बीएसएफ ने महबूब शेख को बांग्लादेश में धकेल दिया।
ठाणे: महाराष्ट्र पुलिस ने रोजगार की तलाश में घूम रहे एक व्यक्ति को अवैध बांग्लादेशी समझकर पश्चिम बंगाल के नागरिक को उठा लिया। सीमा सुरक्षा बल ने उसे पड़ोसी देश की सीमा पर भेज दिया। इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार के अनुसार, पश्चिम बंगाल पुलिस, राज्य प्रवासी कल्याण बोर्ड के हस्तक्षेप और भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बावजूद महाराष्ट्र पुलिस और बीएसएफ ने महबूब शेख को बांग्लादेश में धकेल दिया।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पश्चिम बंगाल प्रवासी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष समीरुल इस्लाम ने बताया कि शेख के परिवार ने हमसे संपर्क किया जिसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। उन्हें सभी आवश्यक दस्तावेज भेज दिए गए। इसके बावजूद पुलिस और बीएसएफ ने पश्चिम बंगाल सरकार को सूचित करने की भी जहमत नहीं उठाई और शेख को बीएसएफ ने बांग्लादेश में धकेल दिया। शेख के परिवार से पता चला कि वे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के भागाबंगोला के महिसास्थली ग्राम पंचायत क्षेत्र के हुसैननगर गांव के निवासी हैं।
बांग्लादेशी समझ कर ले गई पुलिस
36 वर्षीय महबूब शेख महाराष्ट्र में राजमिस्त्री का काम करता था। शेख के छोटे भाई मुजीबुर ने बताया कि वह पिछले 2 साल से महाराष्ट्र में काम कर रहा है। वह ठाणे के मीरा रोड इलाके में रहता था। 5 दिन पहले (11 जून) जब वह चाय पी रहा था, तब पुलिस ने उसे बांग्लादेशी होने के संदेह में पकड़ा था और सीधे कनकिया पुलिस स्टेशन ले गई थी। इस घटना के बाद परिवार परेशान हो गया।
मुजीबुर ने कहा कि बाद में उसे भी कनकिया पुलिस स्टेशन बुलाया। हमने तुरंत स्थानीय पुलिस और प्रशासन के साथ-साथ हमारे पंचायत प्रधान और प्रवासी कल्याण बोर्ड को इसकी सूचना दी। उन्होंने कहा कि वे महाराष्ट्र पुलिस के संपर्क में हैं। शुक्रवार तक, परिवार ने महाराष्ट्र पुलिस को पंचायत से प्रमाणित वंशावली के साथ महबूब शेख का वोटर कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसे सभी दस्तावेज भेज दिए थे।
महबूब शेख ने फोन पर दी जानकारी
महिसस्थली ग्राम पंचायत के प्रधान शब्बीर अहमद ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि महबूब शेख को सिलीगुड़ी में बीएसएफ कैंप भेज दिया गया है, तो वे तुरंत वहां भी पहुंचे। मेरा भाई मुजीबुर कैंप पहुंचा, लेकिन हमें वहां नहीं रहने दिया। उन्होंने हमारी बात भी नहीं सुनी। परिवार से बात करते हुए पता चला कि महबूब शेख ने शनिवार (14 जून) को उन्हें फोन करके जानकारी दी कि बीएसएफ ने उसे सुबह 3.30 बजे बांग्लादेश में धकेल दिया है। उसके भाई ने बताया कि इसके बाद उसने एक गांव में शरण ली, जहां से उसने फोन किया। वह रो रहा था।
उसकी पत्नी और तीन बच्चे हैं। हम बस उसे वापस चाहते हैं। हमें नहीं पता कि वह बांग्लादेश में कितने दिन तक जिंदा रह पाएगा। दूसरी ओर, महाराष्ट्र पुलिस ने अपना बचाव करते हुए कहा कि महबूब अपनी राष्ट्रीयता साबित करने में विफल रहा। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड और पैन कार्ड को नागरिकता साबित करने के लिए नहीं माना जाता है।
Comment List