प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अधिकतर राज्यों ने आज से लॉकडाउन की अवधि दो सप्ताह और बढ़ाने का अनुरोध किया
दिल्ली: ज्यादातर राज्यों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आज लॉकडाउन की अवधि दो सप्ताह और बढ़ाने का अनुरोध किया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि केन्द्र सरकार राज्यों के मुख्यमंत्रियों के इस अनुरोध पर विचार कर रही है। वीडियो कांफ्रेंस के जरिये प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में लॉकडाउन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में श्री मोदी ने कहा कि लोगों की सुरक्षा पर ध्यान केन्द्रित करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जान है तो जहान है के मंत्र के साथ काम कर रही थी, लेकिन अब जान भी और जहान भी के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ हमारा संघर्ष तब तक मजबूत रहेगा जब तक देश का प्रत्येक नागरिक अपनी जिम्मेदारी निभायेगा और सरकार तथा प्रशासन के निर्देशों का पालन करेगा।
श्री मोदी ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का जीवन बचाने पर जोर देना चाहिए और इसके लिए लॉकडाउन तथा परस्पर सुरक्षित दूरी बहुत महत्वपूर्ण है। ज्यादातर लोग इसे समझते हैं और अपने आप को घरों में बंद करके अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें सभी को यह मंत्र मानना है और प्रत्येक नागरिक के जीवन की रक्षा का प्रयास करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र राज्यों के संयुक्त प्रयासों से कोविड-19 का प्रकोप घटाने में मदद मिली है, लेकिन अब स्थिति तेजी से बदल रही है और सतर्कता जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगले तीन-चार सप्ताह वायरस को काबू करने के लिए महत्वपूर्ण हैं इसकेलिए संयुक्त रूप से काम करना होगा। श्री मोदी ने कहा कि भारत में आवश्यक दवाई की पर्याप्त आपूर्ति है और अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कालाबाजारी और जमाखोरी करने वाले लोगों को सख्त चेतावनी दी। डॉक्टरों और चिकित्सकर्मियों पर हमले और पूर्वोत्तर तथा कश्मीर के छात्रों के साथ बुरे बर्ताव की कड़ी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर काबू करने तथा परस्पर दूरी बनाये रखने पर जोर दिया।
लॉकडाउन खत्म करने की योजना के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों में इसकी अवधि अगले दो सप्ताह तक बढ़ाने पर सहमति है। उन्होंने स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा मजबूत करने और रोगियों तक टेलीमेडिसन के जरिये पहुंचने को भी कहा। उन्हांने सुझाव दिया कि कृषि उपज की डायरेक्ट मार्केटिंग करने से मंडियों में भीड़ को रोका जा सकता है। इसके लिए कृषि उत्पाद मंडी समिति प्रावधानों में तेजी से सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की मदद हो सकेगी। प्रधानमंत्री ने आरोग्य सेतु एप को लोकप्रिय बनाने को कहा। उन्होंने इसके लिए दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में मिली सफलता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनके अनुभव भारत में इस एप के जरिये यह प्रयास किया है। यह महामारी के विरूद्ध लड़ने में महत्वपूर्ण उपकरण साबित होगा। उन्होंने एप को ई-पास के रूप में इस्तेमाल करने की संभावना तलाशने को कहा, जो एक एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में सहायक हो।
आर्थिक चुनौतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संकट आत्मनिर्भर बनने और देश को आर्थिक शक्ति बनाने का एक मौका है।
बैठक में मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों की स्थिति के बारे में अवगत कराया और महामारी को काबू करने के उपाय, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार प्रवासी मजदूरों की मदद और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाये रखने के कदमों की जानकारी दी।
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