महाराष्ट्र में मच्छर जनित रोगों से लोगों की सेहत पर बढ़ा प्रकोप... 3,500 से अधिक मामले
Mosquito borne diseases in Maharashtra pose a threat to people's health... more than 3,500 cases
स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष के पहले 3 महीने में राज्य में डेंगी, मलेरिया और चिकनगुनिया से 3,500 से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं। आज विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सेहत पर जोर देने की बात हो रही है, लेकिन आज भी मच्छर लोगों के स्वास्थ्य पर हावी हो रहे हैं। पिछले साल राज्य में 36,857 लोग मच्छर जनित रोग से ग्रसित हुए थे, इनमें सबसे ज्यादा डेंगी के मामले रिपोर्ट हुए थे। डेंगी के मामले में महाराष्ट्र ने रिकॉर्ड दर्ज किया था।
मुंबई: महाराष्ट्र में मच्छर लोगों की सेहत बिगाड़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष के पहले 3 महीने में राज्य में डेंगी, मलेरिया और चिकनगुनिया से 3,500 से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं। आज विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सेहत पर जोर देने की बात हो रही है, लेकिन आज भी मच्छर लोगों के स्वास्थ्य पर हावी हो रहे हैं। पिछले साल राज्य में 36,857 लोग मच्छर जनित रोग से ग्रसित हुए थे, इनमें सबसे ज्यादा डेंगी के मामले रिपोर्ट हुए थे। डेंगी के मामले में महाराष्ट्र ने रिकॉर्ड दर्ज किया था।
इस साल भी मच्छरों का का प्रकोप देखने को मिल रहा है। जनवरी से लेकर मार्च तक मलेरिया से 2,038, डेंगी से 1,220 और चिकनगुनिया से 330 लोग प्रभावित हुए हैं। जानकारों का कहना है कि तो मॉनसून के पहले ही इतने मामले मिल रहे हैं, तो मॉनसून में प्रभावितों की संख्या काफी इजाफा होगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि पिछले साल से रिपोर्टिंग और सर्विलांस काफी अच्छी हो गई है।
सरकारी के अलावा, निजी अस्पताल और लैब भी रिपोर्ट कर रहे हैं। राज्य में मलेरिया की टेस्टिंग के लिए अनेक लैब हैं, लेकिन हमने डेंगी की जांच के लिए 50 सेंटिनल सेंटर तैयार किए हैं, जहां टेस्टिंग होती है। डायग्नोस्टिक और रिपोर्टिंग सिस्टम सशक्त होने के कारण केस ज्यादा लग रहे हैं।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के वेक्टर बोर्न डिजीज के प्रमुख डॉ. महेंद्र जगताप ने बताया कि लोगों में होने वाले कुल बीमारियों में से 17 फीसदी बीमारियां मच्छर जनित होती हैं। इससे यह पता चलता है कि आज भी मच्छर के काटने से होने वाले रोग लोगों के स्वास्थ्य को कितना प्रभावित करते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र हो या शहर मच्छर की मौजूदगी हर जगह है, लेकिन 60 फीसदी मच्छर जनित रोग शहरों से रिपोर्ट होते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि लोग आज भी पानी को टंकी में जमा करके रखते हैं। यदि उसे ठीक से ढका न जाए, तो साफ पानी में ही डेंगी और मलेरिया के मच्छर पनपते हैं।
एक्सपर्ट्स और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मच्छर जनित रोग को कम करने के लिए प्रशासन और नागरिक दोनों को एक-दूसरे के साथ की जरूरत है। प्रशासन स्तर पर मच्छर को कंट्रोल करने के लिए फॉगिंग, ब्रीडिंग स्पॉट ढूंढने के लिए मैनपावर की जरूरत है। वहीं, आम जन को भी अपने आस पास कूड़ा नहीं जमा करना चाहिए, खासकर जिसमें पानी जमा हो सके। टंकी को ढक कर रखना चाहिए, ताकि मच्छर ब्रीड न कर पाएं।
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