मैं जातिवाद नहीं करूंगा... सांप्रदायिकता नहीं करूंगा और 'सबका साथ, सबका विकास, सबका' के आधार पर काम करूंगा - नितिन गडकरी

I will not do casteism... will not do communalism and will work on the basis of 'Sabka Saath, Sabka Vikas, Sabka' - Nitin Gadkari

मैं जातिवाद नहीं करूंगा... सांप्रदायिकता नहीं करूंगा और 'सबका साथ, सबका विकास, सबका' के आधार पर काम करूंगा - नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आगे कहा कि बीआर अंबेडकर का संविधान हमारी आत्मा है. समाज में समानता स्थापित करना हमारा मिशन है. संविधान बदलने का सवाल ही नहीं उठता. जिन्होंने 80 बार संविधान तोड़ा. आपातकाल ने हमारे बारे में दुष्प्रचार फैलाया. जब वे नहीं समझा पाते तो लोगों को भ्रमित करने की कोशिश करते हैं. कोई भी व्यक्ति जात, पंथ, भाषा, लिंग और पार्टी के कारण बड़ा नहीं होता वो व्यक्ति अपने कार्यों और गुणवता से बड़ा होता है.

नागपुर : लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी नजर आ रही है. इसी कड़ी में नागपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री व लोकसभा प्रत्याशी नितिन गडकरी का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मैंने जातिवाद खत्म करने का फैसला किया है. नागपुर मेरा परिवार है. आप मेरे हैं और मैं आपका हूं. मैं जातिवाद नहीं करूंगा, सांप्रदायिकता नहीं करूंगा और 'सबका साथ, सबका विकास, सबका' के आधार पर काम करूंगा. पीएम मोदी ने यही नारा दिया है और यही हमारा मंत्र है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आगे कहा कि बीआर अंबेडकर का संविधान हमारी आत्मा है. समाज में समानता स्थापित करना हमारा मिशन है. संविधान बदलने का सवाल ही नहीं उठता. जिन्होंने 80 बार संविधान तोड़ा. आपातकाल ने हमारे बारे में दुष्प्रचार फैलाया. जब वे नहीं समझा पाते तो लोगों को भ्रमित करने की कोशिश करते हैं. कोई भी व्यक्ति जात, पंथ, भाषा, लिंग और पार्टी के कारण बड़ा नहीं होता वो व्यक्ति अपने कार्यों और गुणवता से बड़ा होता है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अच्छे कार्यों पर किसी का पैटेंट नहीं होता, मैं बहुत साफ विचार रखता हूं चुनाव में दवाब की राजनीति में मुझे दबने का कोई विचार नहीं होता. ईमानदारी के साथ मैं 50 लाख करोड़ रूपए के काम कर सका. उन्होंने दावा किया कि मुझपर कोई भ्रष्टाचार का कोई आरोप नही लगा सकता.

कोई आदमी अधेंरे में अगर कह दे कि मुझे काम करने के लिए पैसे देने पड़े तो मैं अपनी राजनीति छोड़ दूंगा, मैं उसके लिए भी तैयार हूं. मैं कार्यकर्ताओं को अपने अनुभव से कहता हूं कि अपना स्वास्थ्य अच्छा रखिए. राजनीति में सबसे बड़ा कैपिटल अगर कोई है तो वो जनता का प्रेम है वहीं जनता का सबसे बड़ा कैपिटल है.

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