कौन हैं वह लड़की, जिसने मुंबई में लहराया ‘फ्री कश्मीर’ का पोस्टर
मुंबई में जेएनयू हिंसा के खिलाफ गेटवे ऑफ इंडिया पर छात्रों के विरोध-प्रदर्शन में ‘फ्री कश्मीर’ लिखा पोस्टर दिखने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। बुद्धिजीवी वर्ग ने इसे ‘एजेंडा’ करार दिया है। वहीं, ऐसा करने वाली युवती का कहना है कि उसका मकसद सिर्फ जम्मू-कश्मीर में जारी पाबंदियों पर ध्यान खींचना था।
बता दें सोमवार को एक न्यूज एजेंसी की ओर से जारी वीडियो में एक युवती हाथ में ‘फ्री कश्मीर’ का पोस्टर थामे खड़ी दिखाई दी थी। जिसके बाद पोस्टर के औचित्य पर सवाल उठने लगे। हालांकि उसका कहना है कि इसके पीछे कोई एजेंडा नहीं है।
यह है पोस्टर वाली लड़की
कश्मीरी समझी जा रही युवती की पहचान मुंबई निवासी महक मिर्जा प्रभु के रूप में हुई है। वह पेशे से कहानीकार है। उसने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट के जरिए पूरी घटना का उल्लेख किया है।
हम इंसाफ मांग रहे थे: महक
महक ने लिखा, ‘मैं कल शाम करीब सात बजे गेटवे ऑफ इंडिया पहुंची, जहां विरोध-प्रदर्शन चल रहा था। मैं भी इसमें शामिल हो गई। हम जेएनयू के छात्रों के लिए इंसाफ मांग रहे थे।’ उसने कहा, मैंने वहां कई लोगों को जेएनयू छात्रों के समर्थन में एनआरसी, सीएए जैसे मुद्दों पर पोस्टर बनाते देखा। मेरी बगल में एक ‘फ्री कश्मीर’ का पोस्टर रखा था, जिसे देख मेरे जहन में कश्मीरियों के मूल संवैधानिक अधिकारों का ख्याल आया। युवती अब अपनी सुरक्षा को लेकर डरी हुई है।
ये प्रदर्शन किस लिए है? फ्री कश्मीर के पोस्टर क्यों हैं? हम मुंबई में ऐसे अलगाववादी तत्वों को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं।
-देवेंद्र फडणवीस, पूर्व सीएम, महाराष्ट्र
कश्मीर भारत का अटूट अंग है और गेटवे आफ इंडिया पर ऐसे पोस्टर दिखाने एवं देश विरोधी नारे लगाने का काम कुछ अराजकतावादियों का कृत्य है।
-प्रकाश जावड़ेकर, सूचना एवं प्रसारण मंत्री
अगर प्रदर्शन के दौरान ऐसे पोस्टर नजर आए हैं तो आप प्रदर्शनकारियों की मंशा जान सकते हैं।
-मुख्तार अब्बास नकवी, केंद्रीय मंत्री
मुंबई में जेएनयू हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन में यह पोस्टर क्यों दिखाया जा रहा है? इसका क्या लेना-देना है?…माफ कीजिए यह छात्र प्रदर्शन नहीं है। इसका मकसद कुछ और है।
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