महाराष्ट्र के धाराशिव जिले के कई गांवों के लोगों ने ‘जेल भरो’ प्रदर्शन किया शुरू...

People of many villages of Dharashiv district of Maharashtra started 'Jail Bharo' protest...

महाराष्ट्र के धाराशिव जिले के कई गांवों के लोगों ने ‘जेल भरो’ प्रदर्शन किया शुरू...

कौडगांव में पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे से अपराह्न साढ़े 12 बजे तक करीब 100 कार्यकर्ताओं ने ‘जेल भरो’ प्रदर्शन में भाग लिया, जिनमें से 42 को महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 68 के तहत हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा 25 अक्टूबर से जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में अनिश्चितकालीन अनशन फिर से शुरू किए जाने के कारण राज्य में प्रदर्शन तेज हो गया है। जरांगे ने इससे पहले अगस्त में भी इसी प्रकार प्रदर्शन किया था।

मुंबई : महाराष्ट्र के धाराशिव में कई गांवों के लोगों ने मराठा समुदाय को आरक्षण की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को ‘जेल भरो’ प्रदर्शन शुरू किया। राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर यहां आंदोलन कर रहे स्थानीय विधायक कैलास पाटील को मुंबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिसके बाद जिले में ‘जेल भरो’ प्रदर्शन शुरू हुआ। पुलिस अधिकारी ने बताया कि विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए सैकड़ों मराठा कार्यकर्ता सुबह धाराशिव शहर और आनंदनगर ग्रामीण इलाके में एकत्र हुए।

अधिकारियों ने बताया कि कौडगांव में पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे से अपराह्न साढ़े 12 बजे तक करीब 100 कार्यकर्ताओं ने ‘जेल भरो’ प्रदर्शन में भाग लिया, जिनमें से 42 को महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 68 के तहत हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा 25 अक्टूबर से जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में अनिश्चितकालीन अनशन फिर से शुरू किए जाने के कारण राज्य में प्रदर्शन तेज हो गया है। जरांगे ने इससे पहले अगस्त में भी इसी प्रकार प्रदर्शन किया था।

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जरांगे ने मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर 29 अगस्त को प्रदर्शन शुरू किया था। जरांगे ने उस समय 14 सितंबर को भूख हड़ताल समाप्त करते हुए सरकार को आरक्षण लागू करने के लिए (24 अक्टूबर तक) 40 दिन का समय दिया था। राज्य सरकार ने मंगलवार को एक आदेश जारी किया था, जिसमें संबंधित अधिकारियों से मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को नए कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए कहा गया है ताकि उनके लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ हासिल करने का मार्ग प्रशस्त हो सके। जरांगे ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा था कि पूरे मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाना चाहिए।

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