गुजरात-कर्नाटक नहीं, FDI में महाराष्ट्र नंबर 1, देवेंद्र फडणवीस का बड़ा दावा
Not Gujarat-Karnataka but Maharashtra number one in foreign investment; Big claim of Fadnavis!
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है कि जब वे सीएम थे तब महाराष्ट्र विदेशी निवेश में नंबर 1 था. इसके बाद अब जब एकनाथ शिंदे सीएम और वे डिप्टी सीएम हैं तो महाराष्ट्र फिर नंबर 1 हो गया है.
न गुजरात, न कर्नाटक, विदेशी निवेश के मामले में महाराष्ट्र ही नंबर वन राज्य है. यह दावा उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया है. उन्होंने कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे तब विदेशी निवेश के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे था. इसके बाद पिछली महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में महाराष्ट्र पिछड़ गया था. एक बार फिर महाराष्ट्र एफडीआई के मामले में नंबर वन राज्य बन गया है. जो लोग यह कह रहे थे कि यह उद्योग वहां चला गया, वह उद्योग वहां चला गया, उन्हें आज जवाब मिल गया है....Big claim of Fadnavis...
देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार (6 जून) को मीडिया संवाद में कहा कि, अपारंपरिक उर्जा के क्षेत्र में दो बड़ी कंपनियों के साथ एक बड़ा करार किया गया है. इसके साथ ही महाराष्ट्र विदेशी निवेश के मामले में एक बार फिर नंबर वन पर आ गया है. अब विरोधियों का मुंह बंद हो गया है. यह कहते हुए उन्होंने महाविकास आघाड़ी के नेताओं और खास तौर से ठाकरे गुट पर कटाक्ष किया.
फडणवीस ने कहा कि, कल ही एफडीआई के आंकड़े जारी हुए हैं. 2020-21 में गुजरात एक नंबर पर था. 2021-22 में कर्नाटक एक नंबर पर था. अब हमारी सरकार आई तो हम महाराष्ट्र को एक नंबर पर रखेंगे. डीआपीपी की ओर से जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उसके मुताबिक एफडीआई में पहले नंबर पर महाराष्ट्र ही है.
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री ने अन्य निवेश करार के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, आज महाराष्ट्र में पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट (PSP) से जुड़ा 13 हजार 500 मेगावाट का करार केंद्र सरकार की एनएचपीसी और निजी क्षेत्र की टॉरेंट पॉवर नाम की कंपनी से किया गया. इस करार से 71 हजार करोड़ का निवेश होने वाला है और 30 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने वाला है. देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से यह जानकारी शेयर की....Big claim of Fadnavis...
देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि, केंद्र सरकार ने बार-बार यह बताया है कि दुनिया भर में रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में पंप स्टोरेज की अहमियत बहुत ज्यादा है. इसके जरिए नीचे मौजूद जलाशय से पानी दिन के सोलर एनर्जी के जरिए ऊपर स्थित जलाशय में लाकर छोड़ा जाता है और रात को ऊपर के जलाशय से पानी नीचे लाकर टरबाइन की मदद से बिजली तैयार की जाती है. इस तरह चौबीसों घंटे हमें पारंपरिक उर्जा कम कीमत पर मिलती है.
ग्रीड स्टेबलाइज करने के लिए यह करंट फ्लो एक मिनट में शुरू हो जाता है और जरूरत न होने पर तुरंत बैकडाउन किया जा सकता है. महाराष्ट्र ने जो करार किया है वो ऐतिहासिक है. इतना निवेश कहीं नहीं हुआ है.
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