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मुंबई में राजनीति बिसात के दांव में फंसे दिग्गज... मिलिंद देवड़ा, वर्षा गायकवाड लड़ेंगे लोकसभा चुनाव!

मुंबई में राजनीति बिसात के दांव में फंसे दिग्गज...  मिलिंद देवड़ा, वर्षा गायकवाड लड़ेंगे लोकसभा चुनाव! मुंबई की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले उत्तर भारतीय और मुस्लिम समाज को अब भी नुमाइंदगी का इंतजार है। करीब 35 लाख वोटर्स वाले इन समाज के प्रतिनिधि भी इसकी मांग लंबे समय से कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान राजनीतिक स्थिति में दोनों प्रमुख गठबंधन की ओर से अब इसकी संभावना बनती नजर नहीं आ रही है।
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उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर जमकर बोला हमला, कहा- महाराष्ट्र की सियासत में औरंगजेब की एंट्री...

उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर जमकर बोला हमला, कहा- महाराष्ट्र की सियासत में औरंगजेब की एंट्री... ठाकरे ने कहा कि एक तरफ पीएम मोदी कह रहे हैं कि मैं अकेला सब पर भारी. अगर ऐसा है तो आपको हर जगह कूड़े की गाड़ी क्यों घूमानी पड़ रही है. सभी तरफ से आप कूड़ा क्यों इकठ्ठा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर आप उद्धव ठाकरे को हराने में कामयाब हो सकते है तो लड़िए लेकिन याद रखिए कि आपका मुकाबला मेरे शिवसैनिकों से होगा.
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झारखंड की राजनीति गरमाई... कांग्रेस के नाराज आठ विधायक दिल्ली में जमे

झारखंड की राजनीति गरमाई...  कांग्रेस के नाराज आठ विधायक दिल्ली में जमे जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद चंपई सोरेन ने सीएम की कुर्सी संभाली है। बहुमत साबित कर उन्होंने संशय भी समाप्त कर दिया है। सब कुछ बाहर-बाहर ठीक दिख रहा है। पर, मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अचानक जेएमएम के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार के सामने सहयोगी कांग्रेस के विधायकों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया है। विधायकों ने बखेड़ा खुद खड़ा किया है या इसके पीछे कोई अदृश्य ताकत है, यह तो वे ही जानें, लेकिन 2019 में सत्ता गंवा चुकी बीजेपी इससे उत्साहित है। बीजेपी के लिए झारखंड में खेल करने का यह सुनहरा मौका है।
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महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा... राजनीति में धर्म को नहीं लाना चाहिए लेकिन भाजपा की राजनीति धर्म पर आधारित

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा... राजनीति में धर्म को नहीं लाना चाहिए लेकिन भाजपा की राजनीति धर्म पर आधारित पटोले ने कहा कि राजमाता जिजाऊ, क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले, झाँसी की रानी का युग अलग था और अब युग अलग है। उस समय वे अत्याचारी व्यवस्था के खिलाफ लड़ते हुए ब्रिटिश शासन के अधीन थे, उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी बड़े साहस के साथ लड़ाई लड़ी, उनके विचार आज भी प्रेरणादायक हैं, ये हमारे प्रेरणा स्रोत हैं, आइए उनके विचारों के साथ आगे बढ़ें।
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