एनसीपी के सीनियर छगन भुजबल के पीछे हटने से महाराष्ट्र में महायुति को होगा OBC वोटों का नुकसान...

With the withdrawal of senior NCP Chhagan Bhujbal, Mahayuti will suffer loss of OBC votes in Maharashtra...

एनसीपी के सीनियर छगन भुजबल के पीछे हटने से महाराष्ट्र में महायुति को होगा OBC वोटों का नुकसान...

एनसीपी के सीनियर नेता छगन भुजबल को करारा लगा झटका। बंटवारे के बाद अजित पवार गुट में आए छगन को नासिक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाए जाने की अटकलें थीं, इन पर विराम लग गया। इधर अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद (AIMPSP) ने दावा किया कि ओबीसी समुदाय के सदस्य इस बात से नाराज हैं कि महायुति सहयोगियों ने नासिक लोकसभा सीट से छगन भुजबल को उम्मीदवार नहीं बनाया। छगन AIMPSP संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।

नासिक: महाराष्ट्र में एनसीपी के सीनियर नेता छगन भुजबल को करारा लगा झटका। बंटवारे के बाद अजित पवार गुट में आए छगन को नासिक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाए जाने की अटकलें थीं, इन पर विराम लग गया। इधर अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद (AIMPSP) ने दावा किया कि ओबीसी समुदाय के सदस्य इस बात से नाराज हैं कि महायुति सहयोगियों ने नासिक लोकसभा सीट से छगन भुजबल को उम्मीदवार नहीं बनाया। छगन AIMPSP संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।

संगठन के राज्य उपाध्यक्ष बालासाहेब कर्डक ने कहा कि भुजबल के नासिक सीट से चुनाव लड़ने से पीछे हटने से 350 विभिन्न जातियों वाले ओबीसी समुदाय में नाराजगी है, क्योंकि महायुति उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की घोषणा में देरी हुई है। संगठन के सदस्यों ने दावा किया कि इस बढ़ती नाराजगी से महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों में महायुति गठबंधन को भारी नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि ओबीसी समुदाय के सदस्य 45% से अधिक मतदाता हैं और कोंकण, उत्तर महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में फैले हुए हैं।

कर्डक ने कहा, 'राज्य में आम चुनाव होने के समय ओबीसी मतदाताओं में महायुति के खिलाफ गलत संकेत गया है। हमें आश्चर्य है कि जब केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने नासिक सीट के लिए भुजबल का नाम प्रस्तावित किया, तब राज्य के महायुति नेताओं ने उनकी उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा करने में देरी क्यों की।' उन्होंने कहा कि संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल महायुति के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेगा और उन्हें भुजबल को टिकट देने की जरूरत पर जोर देगा।

उन्होंने कहा कि मराठा कोटा मुद्दे पर भुजबल की रैलियों का राज्य में ओबीसी समुदाय की 360 विभिन्न जातियों पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है। अगर भुजबल को नासिक सीट से चुनाव लड़ने की अनुमति मिल जाती तो महायुति गठबंधन को चुनावों में फायदा होता। लेकिन अब जब उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे, तो इस बात पर अनिश्चितता है कि ओबीसी मतदाता चुनावों में महायुति उम्मीदवारों के पीछे अपना समर्थन देंगे या नहीं।

भुजबल ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या ओबीसी मतदाताओं में महायुति गठबंधन सहयोगियों के खिलाफ कोई नाराजगी है। उन्होंने कहा, 'मैं दोहराता हूं कि मैं महायुति उम्मीदवारों के लिए प्रचार करूंगा जैसा कि मैंने हाल ही में विदर्भ के कुछ हिस्सों में किया था।'

 

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