आशीष देशमुख और फडणवीस की मुलाकात, दुश्मनी क्या दोस्ती में बदलेगी?

Devendra Fadnavis met Ashish Deshmukh in Nagpur...

आशीष देशमुख और फडणवीस की मुलाकात, दुश्मनी क्या दोस्ती में बदलेगी?

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और BJP के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को कांग्रेस से निलंबित किए गए पार्टी के पूर्व विधायक आशीष देशमुख से भेंट की। देशमुख को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिये कारण बताओ नोटिस जारी करके निलंबित कर दिया गया था। महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई है।

मुंबईः भाजपाई से कांग्रेसी बने पूर्व विधायक आशीष देशमुख से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले की मुलाकात से विदर्भ की राजनीति गरमा गई है। कहा जा रहा है कि देशमुख फिर से बीजेपी की राह पर चल सकते हैं, हालांकि देशमुख ने इससे इनकार किया है। उनका कहना है कि फडणवीस से उनका व्यक्तिगत संबंध है। हमारी और उनकी यह सामान्य मुलाकात थी। शनिवार को नागपुर सिविल लाइन स्थित देशमुख के निवास पर उपमुख्यमंत्री फडणवीस अचानक मिलने पहुंच गए। कयास लगाया जा रहा है कि यह मुलाकात चाय-नाश्ते तक ही सीमित नहीं है। देशमुख की बीजेपी में घर वापसी के तौर पर इसे देखा जा रहा है।

बता दें कि कांग्रेस और देशमुख के बीच रिश्ते बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं। वैसे, आशीष के पिता रणजीत देशमुख कभी फडणवीस के बड़े राजनीतिक विरोधी रहे हैं। सन 2004 के विधानसभा चुनाव में फडणवीस ने रणजीत देशमुख को पश्चिम नागपुर से पराजित किया था।

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सन 2009 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने देशमुख को सावनेर विधानसभा से सुनील केदार के सामने चुनाव लड़ाया था, लेकिन वे हार गए। सन 2014 के विधानसभा चुनाव में आशीष देशमुख को उनके ही चाचा अनिल देशमुख के खिलाफ काटोल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से लड़ाया गया। आशीष ने चाचा को हरा दिया।

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हालांकि 2019 विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच उनका विवाद बहुत ज्यादा बढ़ गया। विदर्भ आत्मबल यात्रा निकालकर आशीष ने बीजेपी से बगावत कर दी। वह बीजेपी का दामन छोड़कर कांग्रेस में चले गए। कांग्रेस के टिकट पर वह देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ चुनाव मैदान में कूद पड़े। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने नागपुर से नितिन गडकरी के विरुद्ध चुनाव लड़ने की मंशा जताई थी।

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देशमुख ने कहा कि नेताओं के बीच विदर्भ के समग्र विकास को लेकर चर्चा हुई। इसमें गुजरात की कंपनी इफको के माध्यम से नागपुर में एकीकृत उर्वरक परिसर की स्थापना पर चर्चा भी शामिल है। देशमुख ने कहा कि उन्होंने नागपुर को ऐसी परियोजना के लिए उत्तम स्थान बताते हुए फडणवीस के माध्यम से केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है।

देशमुख ने अपने पत्र में लिखा है कि भूमि, जल, बिजली और मानव संसाधन की प्रचुर उपलब्धता है और महाराष्ट्र सरकार निवेशक हितैषी भी है। नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से देशमुख को 2019 में 50,000 मतों के अंतर से फडणवीस के हाथों हार मिली थी। देशमुख ने इस साल जनवरी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को पद से हटाने की मांग की थी, जिसके बाद अप्रैल में उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।

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