राज्य का बजट मतलब एक प्रकार से चुनावी जुमला - अजीत पवार

State budget means election jumla in a way - Ajit Pawar

राज्य का बजट मतलब एक प्रकार से चुनावी जुमला - अजीत पवार

सरकार ने बजट पेश करते हुए लोगों को सिर्फ सपनों की दुनिया में ले जाने का काम किया है। बजट में विकास कार्यों के लिए कोई नई निधि नहीं दी गई है। किसानों के लिए बहुत मामूली मदद घोषित की गई है, यह चिंता का विषय है। २०२२-२३ बजट का केवल अब तक ५२ प्रतिशत ही खर्च हुआ है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह जिले में केवल १५.६ प्रतिशत निधि ही खर्च हुई है, बाकी जिलों में बहुत ही कम निधि खर्च हुई है, ऐसा अजीत पवार ने कहा।

मुंबई : राज्य का बजट कल वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में पेश किया। इस बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रतिपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा कि यह बजट मतलब एक प्रकार से चुनावी जुमला है। इस बजट में दूरदृष्टि का अभाव है। अजीत पवार ने कहा कि यह बजट वास्तविकता से दूर है। यह सपनों, शब्दों और नारों से भरा बजट है। उन्होंने सवाल किया कि चुनाव से पहले की गई घोषणाओं का क्या हुआ? राज्य की आर्थिक परिस्थिति क्या है? राज्य की आय कितनी है, खर्च कितना है? इस पर सरकार ने विचार ही नहीं किया है, ऐसा बजट में दिखाई दे रहा है। बिजली, गैस, जलापूर्ति, निर्माण क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों के लिए कोई ठोस प्रावधान बजट में नहीं किया गया है।

सरकार ने बजट पेश करते हुए लोगों को सिर्फ सपनों की दुनिया में ले जाने का काम किया है। बजट में विकास कार्यों के लिए कोई नई निधि नहीं दी गई है। किसानों के लिए बहुत मामूली मदद घोषित की गई है, यह चिंता का विषय है। २०२२-२३ बजट का केवल अब तक ५२ प्रतिशत ही खर्च हुआ है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह जिले में केवल १५.६ प्रतिशत निधि ही खर्च हुई है, बाकी जिलों में बहुत ही कम निधि खर्च हुई है, ऐसा अजीत पवार ने कहा। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि इस सरकार को नौ महीने हो गए, लेकिन कोई विकास दिखाई नहीं दे रहा है।

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सरकार की घोषणाओं पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक, स्नातक, कसबा उपचुनाव में भाजपा को झटका लगा है, दशहरा रैली में लोगों द्वारा भाषण छोड़कर जाने और वर्ली की सभा में खाली कुर्सी देखकर भाजपा को लगने लगा है कि ‘मिंधे’ के साथ सरकार बनाकर गलती की है। भाजपा को फायदा की जगह नुकसान होने लगा है, इसलिए यह बजट केवल चुनावी जुमला है, ऐसा अजीत पवार ने कहा।

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