डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे लगे डैमेज कंट्रोल करने में... शाह से फिर करेंगे मुलाकात
Deputy CM Eknath Shinde engaged in damage control... will meet Shah again
मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से सरकार के सभी कामों पर खास नजर रखी जा रही है। किसी भी बड़ी प्रोजेक्ट की फाइल को हरी झंडी देने से पहले मुख्यमंत्री की अनुमति को अनिवार्य कर दिया गया है। शिंदे के नगर विकास विभाग द्वारा जारी की जाने वाले राशि की फाइल भी अब सीएमओ को भेजनी पड़ेगी। मुख्यमंत्री के अप्रूवल के बाद ही अब विधायकों को फंड वितरित किए जा सकेंगे। ऐसे आरोप लग रहे थे कि शिंदे फंड वितरण में सिर्फ अपनी पार्टी के विधायकों को प्राथमिकता दे रहे थे।
महाराष्ट्र : डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे, महायुति सरकार में अपनी कम होती पकड़ से दुखी है। मंगलवार को भी वे कैबिनेट की अहम बैठक छोड़ कर दिल्ली के लिए उड़ गए। हाल के दिनों में उनकी यह दूसरी दिल्ली यात्रा है। सूत्रों के मुताबिक महायुति सरकार में शिंदे के फैसलों पर लगातार नकेल कसा जा रहा है। इस वजह से वे तिलमिलाए हुए हैं। ऐसी रिपोर्ट है कि एकनाथ शिंदे बीजेपी के कद्दावर नेता व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा उप राष्ट्रपति के चुनाव से पहले वे सांसदों के साथ मिल कर अपनी रणनीति भी तय करेंगे। उनका यह दिल्ली दौरा राजनीतिक लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से सरकार के सभी कामों पर खास नजर रखी जा रही है। किसी भी बड़ी प्रोजेक्ट की फाइल को हरी झंडी देने से पहले मुख्यमंत्री की अनुमति को अनिवार्य कर दिया गया है। शिंदे के नगर विकास विभाग द्वारा जारी की जाने वाले राशि की फाइल भी अब सीएमओ को भेजनी पड़ेगी। मुख्यमंत्री के अप्रूवल के बाद ही अब विधायकों को फंड वितरित किए जा सकेंगे। ऐसे आरोप लग रहे थे कि शिंदे फंड वितरण में सिर्फ अपनी पार्टी के विधायकों को प्राथमिकता दे रहे थे।
इस वजह से यह अहम बदलाव किया गया है। अब 500 करोड़ रूपये से ज्यादा के नगर विकास के प्रोजेक्ट के लिए भी सीएम की मंजूरी जरुरी है। इन तमाम तरह के बन्धनों की वजह से शिंदे, महायुति सरकार के अंदर अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं। यही वजह है कि वे दिल्ली जाकर अपने नेताओं से सलाह – मशविरा कर रहे हैं। साथ ही इस बारे में बीजेपी के बड़े नेताओं को भी सूचित कर रहे हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि महायुति सरकार पर सीएम देवेन्द्र फडणवीस की पकड़ काफी मजबूत हैं। ऐसे में अब दिल्ली में शिंदे की दाल गलनी मुश्किल है।
हाल के दिनों में शिंदे गुट के कई मंत्री भी विवादों में फंसे हैं। इन मंत्रियों में कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट व गृह राज्य मंत्री योगेश कदम प्रमुख हैं। शिरसाट, जहां नोटों से भरे बैग के साथ नज़र आने के बाद विवादों में फंसे हैं। वहीं उनकी बयानबाजी भी मुसीबतों का सबब बन रही है। दूसरी तरफ कदम पर अपनी मां के नाम पर मिले लाइसेंस के आधार पर डांस बार चलाने का आरोप था।
हालांकि, इस मामले के तूल पकड़े जाने के बाद उनके परिवार ने सावली बार का आर्केस्ट्रा लाइसेंस वापस कर दिया। उद्धव ठाकरे गुट के विधायक अनिल परब ने इस मामले को लेकर कदम के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इन तमाम चुनौतियों को देखते हुए डीसीएम शिंदे पर अपने मंत्रियों से इस्तीफा लेने का दबाव बढ़ रहा है। लेकिन शिंदे ने डंके की चोट पर कहा है कि वे कदम के साथ खड़े हैं। लेकिन यह बयान बीजेपी को रास नहीं आ रहा है। ऐसे में अब शिंदे दिल्ली जाकर डैमेज कंट्रोल करने में लगे हैं।

