उत्तर प्रदेश के इस जिले में पत्थर हो गया बाल संरक्षण अधिकारी का दिल... कोरोना से अनाथ बच्चों से मांगी घूस
Child Protection Officer's heart turned stone in this district of Uttar Pradesh... Bribe sought from children orphans from Corona

उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर में एक बाल संरक्षण अधिकारी का दिल पत्थर का हो गया। अधिकारी ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को भी वसूली से नहीं बख्शा। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाने के लिए अधिकारी ने बच्चों से पांच हजार घूस की मांग ली।
उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर में एक बाल संरक्षण अधिकारी का दिल पत्थर का हो गया। अधिकारी ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को भी वसूली से नहीं बख्शा। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाने के लिए अधिकारी ने बच्चों से पांच हजार घूस की मांग ली।
1500 रुपये ले भी लिए। मामला डीएम तक पहुंचा तो उन्होंने केस दर्ज कराकर अफसर को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। प्रोबेशन अधिकारी की तहरीर पर सोमवार देर शाम बाल संरक्षण अधिकारी पर केस दर्ज हो गया।
मेंहदावल तहसील क्षेत्र के एक गांव का युवक सोमवार को डीएम कार्यालय पहुंचा। उसने बताया कि कोविड के दौरान उसके माता-पिता की मौत हो गई। वह दो भाई और दो बहन हैं।
इसमें दो नाबालिग हैं। वह मुंबई में काम करता है। दोनों नाबालिग भाई-बहनों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ मार्च 2022 तक मिला। उसके बाद से धन नहीं आ रहा था। इसकी जानकारी लेने के लिए उसने बाल संरक्षण अधिकारी महेश गुप्ता को फोन किया तो उन्होंने इसके लिए रिश्वत की मांग। उसने बताया कि एक बार 1500 रुपये दिए। उसके बाद उन्होंने अपने ऑफिस बुलाकर पांच हजार रुपये की मांग रखी।
मुंबई से घर आने पर फोन किया तो अभद्रता से बात की। डीएम को फोन में रिकॉर्ड ऑडियो सुनाते हुए वह फफक पड़ा। डीएम प्रेम रंजन सिंह ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रोबेशन अधिकारी को तलब किया। कोतवाल को भी बुलाया। डीएम ने बाल संरक्षण अधिकारी पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।
साथ ही शिकायतकर्ता के भाई-बहनों को योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिए। संतकबीरनगर के डीएम प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि एक युवक ने साक्ष्य के साथ बाल संरक्षण अधिकारी पर घूस मांगने की शिकायत की थी। इसके बाद डीपीओ को मुकदमा दर्ज कराते हुए विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
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