Landlords
<% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<% if(node_description!==false) { %> <%= node_description %>
<% } %> <% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
Read More... किराएदारों को घर मालिक कर सकते हैं बेदखल ! किराएदारों ने राज्य सरकार से लगाई गुहार...
Published On
By Online Desk
महाराष्ट्र सहकारी सोसायटी अधिनियम 1962 से पहले मुंबई के निवासियों के पास संयुक्त रूप से जमीन का एक टुकड़ा रखने और उस पर अपना घर बनाने का विकल्प नहीं था। लोग मालिक को नकद राशि (पगड़ी) देकर घर खरीदते थे और किराया देकर घर में रहते थे। यदि किराएदार बाजार भाव से घर बेचता है तो उसे मालिक को उस राशि से 30 से 40 प्रतिशत हिस्सा देना पड़ता है। 1990 के बाद मुंबई में संपत्ति की कीमतें बढ़ने लगीं तब मकान मालिकों ने बेचैन होकर 1992 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले की सुनवाई के लिए 20 अक्टूबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच का गठन किया गया था। ", 