PhD
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Read More... उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के विधानसभा में दिए गए बयान की शिक्षाविदों, रिसर्च गाइड और PhD स्कॉलर्स ने कड़ी आलोचना की
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By Online Desk
BARTI, SARTHI, MAHAJYOTI, TRTI और AMRUT जैसे सरकारी संस्थानों से मिलने वाली फेलोशिप को लेकर PhD स्कॉलर्स के बीच बढ़ते असंतोष के बीच, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के विधानसभा में दिए गए बयान कि "एक ही परिवार के पांच से छह सदस्य सिर्फ इसलिए PhD कर रहे हैं क्योंकि उन्हें हर महीने ₹42,000 की फेलोशिप मिलती है", की पूरे राज्य के शिक्षाविदों, रिसर्च गाइड और PhD स्कॉलर्स ने कड़ी आलोचना की है। शिक्षाविदों ने इस टिप्पणी को 'गैर-जिम्मेदाराना' और 'अज्ञानतापूर्ण' बताया है, यह तर्क देते हुए कि यह फेलोशिप भुगतान में लगातार देरी, स्पष्ट नीति की कमी और प्रभावी निगरानी तंत्र की अनुपस्थिति जैसे असली संकट से ध्यान भटकाता है। मुंबई : अमेरिका में पीएचडी कर रहे 29 साल के रिसर्च स्कॉलर के खिलाफ रेप का मामला दर्ज
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मुंबई की बांद्रा थाना पुलिस ने अमेरिका में पीएचडी कर रहे 29 साल के रिसर्च स्कॉलर के खिलाफ रेप का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने यह केस रिसर्च स्कॉलर पर साथ में पढ़ने वाली 31 साल की युवती की शिकायत पर दर्ज किया है। युवती ने अपनी शिकायत में कहा है कि रिसर्च स्कॉलर युवक ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। इसकसे बाद किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस के अनुसार रिसर्च स्कॉलर ने पढ़ाई करने के लिए युवती को होटल में बुलाया था। इसके बाद वहां पर उसने गंदी हरकत की। यह घटना बांद्रा के एक होटल में हुई। सायबर ठगी में पीएचडी कर रहा छात्र गिरफ्तार... आईटी कर्मचारी के 7.3 लाख रुपए ठगे थे
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मनी ट्रेल की जांच करते हुए, पुलिस को पता चला कि 19 वर्षीय संदिग्ध के खाते में 1.5 लाख रुपए और क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में लगे पंजाब के एक व्यक्ति को 1.35 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे आगे की जांच से पता चला कि पंजाब खाता धारक ने दूसरों को क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन के लिए अपने खाते का उपयोग करने की अनुमति दी थी। विश्वविद्यालय के पास पूर्व सांसद किरीट सोमैया की पीएचडी का कोई प्रमाण नहीं...
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पूर्व सांसद किरीट सोमैया अपनी (फर्जी) डॉक्टरेट डिग्री के कारण एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। खुलासा हुआ है कि मुंबई विश्वविद्यालय के पास सोमैया की पीएचडी का कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन सबूत के तौर पर सोमैया द्वारा दिए गए `कागज’ को ही सबूत मानकर आगे सरकाने का मामला सामने आया है। सूचना अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से मुंबई विश्वविद्यालय की पोल खोली गई है। 