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Maharashtra 

महाराष्ट्र की बीड लोकसभा सीट पर कांटे की टक्कर की संभावना... पंकजा मुंडे बचा पाएंगी पिता की विरासत ? 

महाराष्ट्र की बीड लोकसभा सीट पर कांटे की टक्कर की संभावना...  पंकजा मुंडे बचा पाएंगी पिता की विरासत ?  महाराष्ट्र में पिछले जून तक पंकजा मुंडे की नजर महाराष्ट्र की परली विधानसभा सीट पर थी। जिसे उनके चचेरे भाई और एनसीपी नेता और वर्तमान में मंत्री धनंजय मुंडे ने 2019 में छीन लिया था। तब पंकजा मुंडे ने कहा था कि मैं लोगों के मन में सीएम हूं। इसके बाद पंकजा मुंडे बीजेपी के अंदर ही अलग-थलग पड़ गई थीं।
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Mumbai 

बारिश में अंधेरी सबवे को डूबने से बचाने के लिए बीएमसी 6 मीटर चौड़ा और 2.5 मीटर गहरा बनाएगी नाला

बारिश में अंधेरी सबवे को डूबने से बचाने के लिए बीएमसी 6 मीटर चौड़ा और 2.5 मीटर गहरा बनाएगी नाला बारिश में अंधेरी सबसे को डूबने से बचाने के लिए बीएमसी नाला बनाएगी। अंधेरी सबवे के पास रेलवे लाइन के नीचे 6 मीटर चौड़ा और 2.5 मीटर गहरा यह नाला बनाया जाएगा। बीएमसी जून में नाला बनाने का टेंडर जारी करेगी, जबकि अक्टूबर से काम शुरू होगा। इस नाले को बनाने में तीन साल का समय लगेगा। यानी अगले तीन साल तक अंधेरी वालों को सबवे में बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा।
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मजदूरों की जान बचाने के लिए पहाड़ के ऊपर से ड्रिल करने का प्लान...

मजदूरों की जान बचाने के लिए पहाड़ के ऊपर से ड्रिल करने का प्लान... राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के निदेशक अंशु मनीष खलखो का कहना है कि ऊपर से ड्रिलिंग के लिए वैज्ञानिक सर्वे के तहत लगभग १०३ मीटर चौड़ाई वाले क्षेत्र से ड्रिलिंग की जाएगी। टनल के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग के साथ साइड से भी ड्रिलिंग करने की योजना है। इसमें ऊपर से १०३ मीटर की चौड़ाई और साइड से ड्रिलिंग के लिए १७७ मीटर की दूरी मिली है। ऊपर से ड्रिल कर मजदूर तक खाना और पानी पहुंचाया जाएगा, जबकि साइड से ड्रिलिंग कर उन्हें बाहर निकालने के लिए रास्ता बनाया जाएगा।
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‘ये ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है - राहुल गांधी

‘ये ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है - राहुल गांधी भाजपा अपने विरोधियों के हौसले तोड़ने के लिए केंद्रीय जांच एजेंfसयों के साथ-साथ अब कोर्ट और कानून का भी दुरुपयोग करने लगी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के मामले में ऐसा विशेष तौर पर देखने को मिल रहा है लेकिन राहुल गांधी किसी भी कीमत पर हार मानने को तैयार नहीं हैं। कल उन्होंने अपने संघर्ष का जज्बा एक बार फिर दिखाया।
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