मुंबई महानगरपालिका का राज्य सरकार के पास है 10900 करोड़ बकाया... बीएमसी ने पत्र लिखकर बकाया राशि मांगी
The Mumbai Municipal Corporation is owed Rs 10,900 crore by the state government... BMC has written a letter demanding the outstanding amount.
बीएमसी ने स्पष्ट किया है कि उसे चल रही विकास परियोजनाओं और वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता है। मुंबई में हजारों करोड़ रुपए की विकास परियोजनाएं प्रस्तावित और प्रगतिशील हैं, वहीं दूसरी ओर महानगरपालिका की फिक्स डिपोजिट में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2021-22 में पालिका की सावधि जमा 91,690 करोड़ रुपए थी, जो 2022 23 में घटकर 86,401 करोड़ रुपए रह गई।
मुंबई : मुंबई महानगरपालिका को राज्य सरकार से करीब 10,900 करोड़ रुपए की बकाया राशि अब तक प्राप्त नहीं हुई है। कई वर्षों से लंबित इस बकाया को लेकर पालिका ने राज्य सरकार के 20 विभागों के प्रमुखों को पत्र भेजकर तत्काल भुगतान की मांग की है। बीएमसी ने स्पष्ट किया है कि उसे चल रही विकास परियोजनाओं और वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता है। मुंबई में हजारों करोड़ रुपए की विकास परियोजनाएं प्रस्तावित और प्रगतिशील हैं, वहीं दूसरी ओर महानगरपालिका की फिक्स डिपोजिट में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2021-22 में पालिका की सावधि जमा 91,690 करोड़ रुपए थी, जो 2022 23 में घटकर 86,401 करोड़ रुपए रह गई।
इसके बाद भी जमा राशि में और कमी आई है। आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए मनपा भूमि और किराये पर दी गई संपत्तियों से राजस्व बढ़ाने के प्रयास कर रही है और इसी कड़ी में मुंबई के दो खुले भूखंडों को नीलाम कर लीज पर भी दिया गया है। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से मिलने वाली बकाया राशि लगातार बढ़ती जा रही है। नवंबर 2024 तक यह बकाया 9,675 करोड़ रुपए थी, जो नवंबर 2024 के बाद 1,200 करोड़ रुपए से अधिक बढ़कर अब 10,900 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।
इसमें सहायता अनुदान और संपत्ति कर के रूप में 7,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि शामिल है। सबसे अधिक बकाया शिक्षा विभाग का है। नवंबर 2024 तक शिक्षा विभाग से करीब 6,500 करोड़ रुपए का अनुदान बकाया था, जो अब बढ़कर लगभग 7,000 करोड़ रुपए हो गया है। इसके बाद आवास विभाग की बकाया राशि 700 करोड़ रुपए से बढ़कर 900 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। नगर विकास विभाग से भी 1,500 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मिलनी बाकी है।

