मुंबई : जून महीने में जनता के लिए खोला जा सकता है 'गोराई मैंग्रोव पार्क'
Mumbai: 'Gorai Mangrove Park' may be opened for public in June
मुंबईवासियों और पर्यावरण प्रेमियों को जल्द ही एक अनूठा तोहफा मिलने वाला है। गोराई क्षेत्र में स्थित 'गोराई मैंग्रोव पार्क' जून महीने में जनता के लिए खोला जा सकता है। यह पार्क सिर्फ हरियाली का आनंद लेने की जगह नहीं, बल्कि एक ऐसा प्राकृतिक पाठशाला होगा, जहां लोग मैंग्रोव वनों की जैव विविधता, तटीय पारिस्थितिकी और पक्षी जीवन को बेहद करीब से देख और समझ सकेंगे।
मुंबई : मुंबईवासियों और पर्यावरण प्रेमियों को जल्द ही एक अनूठा तोहफा मिलने वाला है। गोराई क्षेत्र में स्थित 'गोराई मैंग्रोव पार्क' जून महीने में जनता के लिए खोला जा सकता है। यह पार्क सिर्फ हरियाली का आनंद लेने की जगह नहीं, बल्कि एक ऐसा प्राकृतिक पाठशाला होगा, जहां लोग मैंग्रोव वनों की जैव विविधता, तटीय पारिस्थितिकी और पक्षी जीवन को बेहद करीब से देख और समझ सकेंगे। इस पार्क की सबसे खास बात है- 740 मीटर लंबा लकड़ी का बोर्डवॉक (पादचारी पुल)। यह बोर्डवॉक घने मैंग्रोव से गुजरता हुआ आपको व्यूइंग डेक और बर्ड वॉचिंग टॉवर तक ले जाएगा, जहां से गोराई खाड़ी का सुंदर दृश्य देख सकेंगे और यह सब बिना प्रकृति को कोई क्षति पहुंचाए।
0.6675 हेक्टेयर में फैला है पार्क
इस मैंग्रोव पार्क की परिकल्पना तत्कालीन पालक मंत्री विनोद तावड़े ने की थी। वर्ष 2021 में मंजूरी मिलने के बाद इस परियोजना को महाराष्ट्र वन विभाग की मैंग्रोव सेल ने आकार दिया। 0.6675 हेक्टेयर में फैले इस पार्क का निर्माण करीब 33.43 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। यह 8 हेक्टेयर के मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) का हिस्सा है।
एक भी मैंग्रोव को नहीं पहुंचाया नुकसान
पार्क की सबसे अच्छी बात यह है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एक भी मैंग्रोव पेड़ को काटा नहीं गया है। यहां तक कि पार्क को बनाने में इको फ्रेंडली मटेरियल और सौर ऊर्जा का भी उपयोग किया गया है। पैदल चलने के लिए बनाए गए रास्ते एलिवेटेड हैं, ताकि मैंग्रोव क्षेत्र को कोई क्षति न पहुंचे। मैंग्रोव सेल के डेप्युटी कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट दीपक खाड़े ने बताया कि पार्क का काम अंतिम चरण में हैं। हमारा प्रयास है कि शेष बचा काम जून तक पूरा हो जाए और इसे जनता के लिए खोल दिया जाए।
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