नई दिल्ली : यूट्यूबर को सुप्रीम कोर्ट का आदेश; मौलिक अधिकार का इस्तेमाल करने की नसीहत
New Delhi: Supreme Court's order to YouTuber; Advice to use fundamental rights
By: Online Desk
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मशहूर कॉमिडियन समय रैना के विवादित शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शो में मशहूर पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया ने माता-पिता और सेक्स पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसको लेकर शो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने भले ही इलाहाबादिया को फटकार लगाते हुए उन्हें उनका पॉडकास्ट चैनल 'द रणवीर इलाहाबादिया शो' चालू करने की अनुमति दे दी है, लेकिन उन्हें जिम्नेदारी से अपने इस मौलिक अधिकार का इस्तेमाल करने की नसीहत दी है.
नई दिल्ली : मशहूर कॉमिडियन समय रैना के विवादित शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शो में मशहूर पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया ने माता-पिता और सेक्स पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसको लेकर शो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने भले ही इलाहाबादिया को फटकार लगाते हुए उन्हें उनका पॉडकास्ट चैनल 'द रणवीर इलाहाबादिया शो' चालू करने की अनुमति दे दी है, लेकिन उन्हें जिम्नेदारी से अपने इस मौलिक अधिकार का इस्तेमाल करने की नसीहत दी है.
अश्लीलता को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
रणवीर इलाहाबादिया ने कोर्ट में दलील दी थी कि पॉडकास्ट उनकी आजीविका का एकमात्र स्रोत है. उनके द्नारा रखे गए करीब 280 लोग इस पर निर्भर है. ऐसे में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने उन्हें अपना पॉडकास्ट चालू करने की अनुमति दे दी, हालांकि कोर्ट ने टिप्पणी की है कि वह अपने इस मौलिक अधिकार का इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ करें. इसके अलावा कोर्ट ने केंद्र सरकार से ऑनलाइन मीडिया में अश्लील कंटेंट को लेकर मसौदा तैयार करने की बात कही है.
भारत में इंटरनेट यूजर्स
'डाटारिपोर्टल डॉट कॉम' की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में जनवरी 2024 तक कुल 46.2 करोड़ लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे. वहीं IAMAI और KANTAR की रिपोर्ट 'इंटरनेट इन इंडिया' के अनुसार साल 2024 में भारत में 88.9 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, जो 2025 में 90 करोड़ तक पहुंच सकती है. हमारे देश में इंटरनेट का इस्तेमाल सबसे ज्यादा OTT वीडियो, म्यूजिक, इंस्टाग्राम, वॉट्सएप फेसबुक जैसे ऑनलाइन कम्युनिकेशन और डिजिटल पेमेंट्स के लिए करते हैं. इंटरनेट पर बड़ों के साथ ही बच्चों की एक्टिविटी भी काफी बड़ी है. ऐसे में किसी भी तरह के कंटेंट बनाने से पहले कंटेंट क्रिएटर की जिम्मेदारी बनती है कि इस बात पर गौर करें कि इसका इसर हमारे देश के भविष्य पर कैसे पड़ सकता है.

