कनाडा से आने वालों की एंट्री पर रोक से हजारों भारतीय परिवार परेशान
Thousands of Indian families upset due to ban on entry of people coming from Canada

भारत और कनाडा के बीच उपजे विवाद से कनाडा में रहने वाले भारतीय परिवार परेशान हो रहे हैं. कनाडा में रहने वाले भारतीयों को डर है कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते के कारण भविष्य में विजिटर और स्टडी वीजा मिलने में देरी हो सकती है या यह भी हो सकता है कि भारतीय छात्रों के लिए वीजा की सीमा भी तय कर दी जाए.
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि 'बहुत सारे पंजाबी कनाडा में बस गए हैं. पंजाब में दहशत का माहौल है. इसलिए भारत और कनाडा की सरकारों को इस मुद्दे का समाधान ढूंढ़ना चाहिए. इसका भारत-कनाडा संबंधों पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है. सिखों को आतंकवाद से जोड़ा जा रहा है, एक गलत धारणा बनाई जा रही है और इसे रोकने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा की सरकारों को जल्द कोई समाधान निकालना चाहिए. दोनों देशों के बीच संबंधों को ठीक करने की जरूरत है. इसका खामियाजा देश की जनता को नहीं भुगतना चाहिए. मैं पीएम को पत्र इसलिए लिख रहा हूं, इस मसले को जल्द निपटाने की जरूरत है. अगर यह हाथ से बाहर गया तो इसका असर बहुत सारे भारतीयों, खासकर सिखों और पंजाब के लोगों पर पड़ेगा.'
बता दें कि बड़ी संख्या में भारतीय छात्र कनाडा के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ते हैं और ट्यूशन फीस के रूप में अरबों डॉलर देते हैं. कैनेडियन ब्यूरो ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन के अनुसार, भारतीय छात्रों ने साल 2021 के दौरान कनाडाई अर्थव्यवस्था में 4.9 अरब डॉलर से अधिक का योगदान दिया. भारत और कनाडा के बीच उपजे विवाद के बाद वे लोग परेशान हैं, जिनके परिवार के बच्चे या तो वहां पढ़ रहे हैं या कोई बिजनेस कर रहा है.
शहर के एचके खरबंदा, मेघा भाटिया, के. सिंह और एनआरआई मिसेज जोगिंदर संधू के परिवार के लोग कनाडा में रहते हैं. यहां के एचके खरबंदा के बेटे ऋषभ कनाडा के वैंकूवर में काम करते हैं. स्काइप के जरिए वीडियो कॉल पर रिषभ खरबंदा ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए हम लोग भयभीत हैं. इस विवाद का कुछ हल निकाला जाना चाहिए. ज्यादातर लोगों का मानना है कि दोनों देशों को आपसी मतभेद खत्म कर देने चाहिए.