हरियाणा सरकार ने मानी किसानों की मांगें, सूरजमुखी पर MSP देने के लिए राजी; जेल में बंद किसान भी होंगे रिहा
Haryana Government accepted the demands of farmers...
Farmers Protest किसानों की छह सदस्यीय कमेटी के साथ बैठक में सरकार सूरजमुखी के लिए प्रति क्विंटल 6400 रुपये देने को तैयार हो गई है। वहीं जेल में बंद किसानों को भी बुधवार को रिहा कर दिया जाएगा। किसान भी सरकार के निर्णय से सहमत हैं।
हरियाण सरकार ने आखिरकार किसानों की सभी मांगों को मान लिया है। प्रदेश सरकार सूरजमुखी को प्रति क्विंटल 6400 रुपये के हिसाब से खरीदने के लिए तैयार हो गई है। यानि किसानों को अब सूरजमुखी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलेगा। वहीं, जेल में बंद सभी किसानों को भी बुधवार को रिहा कर दिया जाएगा।
किसान संगठन सरकार के फैसले से खुश हैं। किसानों ने धरना भी उठा लिया है और जश्न मना रहे हैं। किसानों ने हाईवे पर पटाखे भी चलाए। हाईवे पर वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई है। दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे से जाम हट गया है।
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम अपना धरना समाप्त कर रहे हैं। बंद रास्ते आज खुलेंगे। उन्होंने आगे कहा, "हम इसलिए विरोध कर रहे थे कि हमारी फसल एमएसपी पर खरीदी जाए। हम देशभर में एमएसपी के लिए लड़ते रहेंगे। हमारे नेताओं को भी जल्द रिहा किया जाएगा। हमारे नेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे।"

राकेश टिकैत ने ये भी कहा कि किसानों ने वही रेट मांगा जो देश के प्रधानमंत्री ने तय किया है। यह लड़ाई तो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच थी। उन्होंने कहा कि हम एमएसपी को लेकर दूसरे राज्यों में जाएंगे। टिकैत ने कहा जो रेट प्रधानमंत्री ने तय किया है वो रेट देना पड़ेगा।
कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह भौरिया का कहना है कि हमने किसानों से इस विरोध को रोकने की अपील की है। हरियाणा सरकार और पुलिस किसानों के साथ खड़ी है। हमें उम्मीद है कि धरना जल्द खत्म होगा।
दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे से हटाया गया धरना
बता दें कि किसानों ने पहले दौर की वार्ता के बाद प्रशासन से कहा था कि अब अल्टीमेटम खत्म हो गया है और सारी बात अब धरना स्थल पर होगी। इसके बाद, किसानों की प्रशासन के साथ दूसरे दौर की बातचीत हुई। जो काफी सकारात्मक रही। इसी बैठक में किसानों और प्रशासन के बीच सहमति बन गई। किसानों ने धरना हटा लिया है।
इससे पहले, मंगलवार को दोपहर में किसानों की लोकल कमेटी की प्रशासन से मीटिंग हुई थी। जिसे वह अचानक छोड़कर निकल गए। किसानों ने कहा कि प्रशासन हमें लॉलीपॉप दे रहा है। उन्होंने कहा कि 4 बजे तक का समय था, लेकिन प्रशासन हमारे बीच नहीं पहुंचा। किसानों ने कहा कि अगर प्रशासन बातचीत करना चाहता है तो धरने पर आकर बात करे।
'लंबे आंदोलन के लिए तैयार रहें'
प्रशासन के साथ बैठक के बाद किसान संगठनों ने फैसला लिया कि जीटी रोड जाम रहेगा। इसी के साथ, प्रदेश सरकार से कोई भी बात सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) करेगा। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि आंदोलन लंबा चल सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि किसान आंदोलन के लिए तैयार रहें।

