देश में दस्तक देगा 'बिपरजॉय' तूफान, 24 घंटो में इन राज्यों में बदल जाएगा मौसम; चेतावनी जारी
A deep depression over the southeast Arabian Sea intensified into a cyclonic storm ‘Biparjoy’....
24 से 48 घंटे में बिपरजॉय तूफान के और तीव्र होने के आसार हैं। इसके चलते महाराष्ट्र में आंधी बारिश के अनुमान है। इस तूफान के कारण केरल- कर्नाटक तटों और लक्षद्वीप- मालदीव इलाकों में छह जून और महाराष्ट्र तट पर ऊंची लहरें उठने की संभावना है
भारत मौसम विज्ञान विभाग( IMD) ने मंगलवार को चेतावनी दी कि दक्षिण- पूर्व अरब सागर के ऊपर एक गहरा दबाव चक्रवाती तूफान में बदल गया है । इस तूफान को बिपरजॉय नाम दिया गया है। आईएमडी ने आज इसे लेकर चेतावनी जारी की है। IMD ने कहा कि पूर्व- मध्य अरब सागर के ऊपर बने गहरे दवाब का क्षेत्र अब तूफान का रूप ले चुका है । मौसम विभाग के मुताबिक इसके कारण 24 घंटे में कोंकण के तटीय इलाके रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदर्ग के अलावा मुंबई, ठाणे, पालघर में तेज हवाओं के साथ बारिश देखने को मिलेगी ।
आईएमडी ने कहा, ‘ दक्षिण- पूर्व और आसपास के पूर्व- मध्य अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र 4 किमी प्रति घंटे की गति के साथ लगभग उत्तर की ओर बढ़ा और एक चक्रवाती तूफान' बिपरजॉय' में तब्दील हो गया । शाम साढ़े पांच बजे यह गोवा से लगभग 920 किलोमीटर पश्चिम- दक्षिण- पश्चिम, मुंबई से 1050 किलोमीटर दक्षिण- पश्चिम, पोरबंदर से 1130 किलोमीटर दक्षिण- पश्चिम और कराची से 1430 किलोमीटर दक्षिण में स्थित था। इसके धीरे- धीरे एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है...deep depression over the southeast Arabian Sea....
इस दौरान केरल- कर्नाटक तटों और लक्षद्वीप- मालदीव इलाकों में छह जून और कोंकण- गोवा- महाराष्ट्र तट पर आठ से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है। समुद्र में उतरे मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गयी है । आईएमडी ने सोमवार को कहा था कि दक्षिण- पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और इसके गहरा होने से मानसून का केरल तट की ओर आगमन प्रभावित हो सकता है । हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मानसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई....deep depression over the southeast Arabian Sea....
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काइमेट वेदर ने बताया कि केरल में मानसून 8 या 9 जून को दस्तक दे सकता है लेकिन इस दौरान हल्की बारिश की ही संभावना है । स्काइमेट ने कहा कि अरब सागर में मौसम की ये शक्तिशाली प्रणालियां अंदरुनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित करती हैं । इसके प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में पहुंच सकता है लेकिन पश्चिम घाटों से आगे जाने में उसे समय लगेगा।
बता दें स्काईमेट ने पहले मानसून के 7 जून को केरल में दस्तक देने का पूर्वानुमान जताया था और यह 3 दिन पहले या बाद में हो सकता है। मानसून की शुरुआत तब मानी जाती है जब लक्षद्वीप, केरल और तटीय कर्नाटक में लगातार दो दिनों में निर्धारित वर्षा होती है...deep depression over the southeast Arabian Sea...
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