कपड़ा आयुक्तालय के दिल्ली जाने की खबर पर विधानसभा में विपक्ष ने आक्रामक तेवर दिखाए

On the news of Textile Commissionerate going to Delhi, the opposition showed aggressive attitude in the assembly.

 कपड़ा आयुक्तालय के दिल्ली जाने की खबर पर विधानसभा में विपक्ष ने आक्रामक तेवर दिखाए

दिल्ली, मुंबई को कभी हिंदुस्थान का मैनचेस्टर कहा जाता था। इसका कारण था कि यहां कपड़ा बनाने की काफी मिलें थीं और मुंबई का कपड़ा पूरी दुनिया में मशहूर था। इसी कारण से केंद्र सरकार ने मुंबई में कपड़ा आयुक्तालय (टेक्सटाइल कमिश्नर) का कार्यालय खोला था, पर अब मोदी सरकार इस कार्यालय को दिल्ली शिफ्ट करने जा रही है। इ

दिल्ली, मुंबई को कभी हिंदुस्थान का मैनचेस्टर कहा जाता था। इसका कारण था कि यहां कपड़ा बनाने की काफी मिलें थीं और मुंबई का कपड़ा पूरी दुनिया में मशहूर था। इसी कारण से केंद्र सरकार ने मुंबई में कपड़ा आयुक्तालय (टेक्सटाइल कमिश्नर) का कार्यालय खोला था, पर अब मोदी सरकार इस कार्यालय को दिल्ली शिफ्ट करने जा रही है। इसके पहले महाराष्ट्र के अधिकार वाले कई उद्योग पहले ही गुजरात समेत अन्य राज्यों में शिफ्ट किए जा चुके हैं। अब कपड़ा आयुक्तालय के दिल्ली जाने की खबर पर कल विधानसभा में एकजुट होकर विपक्ष ने आक्रामक तेवर दिखाए।
कल विधानसभा में औचित्य के मुद्दे के तहत राकांपा विधायक जयंत पाटील ने इस सवाल को उठाया। इसके पहले राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि बुधवार को गुढीपाडवा है और यह मराठी लोगों के लिए आनंद की बात है। मराठी लोग इस दिन से नए साल की शुरुआत करते हैं, लेकिन आनंद के इस दिवस पर मुंबई के लिए ये दुख की बात है। इसकी वजह यह है कि मुंबई को मैनचेस्टर कहा जाता था। यह मुंबई का ऐतिहासिक महत्व था। प्रदेश कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत का कहना था कि वस्त्रोद्योग आयुक्तालय का कार्यालय १९४३ से मुंबई में है, उसे दिल्ली क्यों ले जाया जा रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से मुंबई के महत्व को लगातार कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

Sabri Human Welfare Foundation Ngo

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