मुंबई में महंगा होने जा रहा है टीवी देखना...
Watching TV is going to be expensive in Mumbai.
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महंगाई आम आदमी का पीछा नहीं छोड़ रही है। रोटी, कपड़ा और मकान सहित हर चीज महंगी तो हो ही चुकी है। अब सूचना व मनोरंजन का सबसे सस्ता साधन टीवी देखना भी महंगा होने जा रहा है। ‘टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी’ ने टीवी चैनलों के प्राइसिंग को लेकर एक नया टैरिफ आदेश दिया है।
मुंबई : बढ़ती महंगाई आम आदमी का पीछा नहीं छोड़ रही है। रोटी, कपड़ा और मकान सहित हर चीज महंगी तो हो ही चुकी है। अब सूचना व मनोरंजन का सबसे सस्ता साधन टीवी देखना भी महंगा होने जा रहा है। ‘टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी’ ने टीवी चैनलों के प्राइसिंग को लेकर एक नया टैरिफ आदेश दिया है। यह आदेश सभी डीटीएच और केबल ऑपरेटरों के ऊपर १ फरवरी से लागू होगा। ‘ट्राई’ के इस आदेश के लागू होने के साथ सभी ग्राहकों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।
ट्राई के इस आदेश के लागू होने के बाद माना जा रहा है कि १ फरवरी के बाद डीटीएच और केबल के बिल में ३० फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। हालांकि, ऑपरेटरों को डर है कि ओटीटी चैनलों के बढ़ने के बाद केबल ऑपरेटरों के ग्राहक कम हुए हैं और ट्राई के हालिया ट्रैफिक ऑर्डर से इसमें और वृद्धि देखने को मिल सकती है।
ट्राई के इस आदेश से टीवी ऑपरेटरों ने नाखुशी जाहिर की है। ऑपरेटरों ने इस आदेश को लेकर केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिस पर आगे की सुनवाई ८ फरवरी को होगी। सूत्रों का कहना है कि केबल टीवी ऑपरेटरों ने एक कंज्यूमर प्रâेंडली सॉल्यूशन मिलने तक नए टैरिफ रूल्स के इम्प्लीमेंटेशन को रोकने के लिए ट्राई से संपर्क किया है।
एक लोकल केबल टीवी ऑपरेटर का कहना है कि ट्राई उन ऑपरेटरों की स्थिति के बारे में जानता है, जो डीडी प्रâी डिश और ओटीटी खिलाड़ियों के कारण लगातार ग्राहकों को खो रहे हैं। उसे ऐसे नियम बनाने चाहिए जो ब्रॉडकास्टर्स के लिए फायदेमंद हो। ऑपरेटर ने कहा, ‘सोनी, जी जैसे ब्रॉडकास्टर के पास पहले से ही अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं और टैरिफ बढ़ोतरी से उन्हें स्थानीय केबल टीवी ऑपरेटरों को दरकिनार करने में मदद मिलेगी क्योंकि ग्राहक सीधे अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हो जाएंगे।’
ऐसा पहली बार नहीं है, जब इस इंडस्ट्री के लोगों ने बढ़ते ओटीटी के प्रभाव और कम होते केबल ग्राहकों को लेकर चिंता व्यक्त की हो। पिछले साल भी इस विषय पर कई बार चर्चा हुई। उस वक्त ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन ने कहा था कि २.५ फीसदी के सालाना दर से केबल टेलीविजन इंडस्ट्री से ग्राहक कम हो रहे हैं। ट्राई के इस नए नियम के बाद इसमें और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा केबल टेलीविजन इंडस्ट्री को उम्मीद है कि करीब १,५०,००० लोग लगातार बिजनेस नुकसान के शिकार हो रहे हैं।
ट्राई के नए ट्रैफिक नियम से परेशान टीवी केबल फेडरेशन ने २५ जनवरी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई। फेडरेशन ने शिकायत दर्ज कराई कि ट्राई बहुत जल्दबाजी में डिसीजन ले रहा है और ऑपरेटर्स को पूरा समय नहीं दे रहा है। फेडरेशन ने अपने पत्र में लिखा कि नए टैरिफ ऑर्डर के कारण अब कंज्यूमर को ज्यादा कीमत देनी पड़ेगी। ऐसा होने से पहले से संकट में फंसी इस इंडस्ट्री की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।
वहीं इन तमाम सवालों पर ट्राई ने भी अपना रुख साफ किया है। ट्राई का कहना है कि नए ट्रैफिक ऑर्डर के बाद कंज्यूमर नेटवर्क वैâपेसिटी फीस पर ४०-५० रुपए तक की बचत कर सकता है, क्योंकि प्रत्येक कंज्यूमर अब १३० रुपए के एनसीएफ में १०० चैनलों की बजाय २२८ टीवी चैनलों का आनंद ले सकता है। ट्राई ने अपने आदेश में आगे कहा कि जिनके घरों में एक से ज्यादा टीवी सेट हैं, उनको इस ऑर्डर के लागू होने के बाद ६० फीसदी की बचत होगी।