नितिन देशमुख को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने नोटिस दिया
Anti-Corruption Bureau (ACB) served notice to Nitin Deshmukh
.jpeg)
मुंबई। शिवसेना-यूबीटी पर दबाव बढ़ता जा रहा है, उनके विधायक नितिन देशमुख को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का नोटिस दिया गया है। यह वह ही विधायक हैं जिन्होंने पिछले साल जून में विद्रोह किया था और फिर गुवाहाटी में अपना मन बदल लिया था। बालापुर (अकोला) के विधायक नितिन देशमुख को एसीबी नोटिस दिया गया है, पिछले दो महीनों में आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोपों के लिए ऐसे नोटिस प्राप्त करने वाले वह तीसरे विधायक बन गए हैं।
सरकार द्वारा विभिन्न जांच एजेंसियों के जरिए विधायकों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए शिवसेना-यूबीटी ने नाराजगी जताई है। हाल के महीनों में, इसके दो विधायकों - कुडल (सिंधुदुर्ग) से वैभव नाइक और राजापुर (रत्नागिरी) से राजन साल्वी- को क्रमश: अक्टूबर और दिसंबर 2022 में एसीबी के नोटिस मिले थे।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही खेमे के साथ गुजरात और गुवाहाटी जाने के बाद देशमुख रहस्यमय तरीके से मुंबई में फिर से प्रकट हुए और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट में शामिल हो गए थे। इस दौरान पार्टी ने पूरे दिल से खुशी मनाई थी, उनकी प्रशंसा की और उन्हें ठाकरे और बेटे आदित्य ठाकरे दोनों ने सम्मानित किया।
एसीबी का नोटिस मिलने से बेफिक्र देशमुख ने कहा कि मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है, और वह 17 जनवरी को अमरावती में अपना बयान दर्ज कराने के लिए जांच एजेंसी को रिपोर्ट करेंगे। उन्होंने कहा कि करीब एक पखवाड़े पहले शिंदे की बालासाहेबंची शिवसेना (बीएसएस) सांसद भावना गवली ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जिसके बाद अमरावती एसीबी का नोटिस मिला।
देशमुख ने कहा कि एसीबी नोटिस अस्पष्ट है, जिसमें शिकायतकर्ता का नाम, शिकायत की प्रकृति का कोई उल्लेख नहीं है और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा नोटिस भेजे जाने पर भी वह डरेंगे नहीं क्योंकि उनके पास कोई अवैध संपत्ति नहीं है। शिवसेना विधायक ने कहा कि वह एसीबी अमरावती कार्यालय जाकर मीडिया कॉन्फ्रेंस करेंगे और अपने खिलाफ साजिश का पदार्फाश करेंगे।
जून में जब शिवसेना दो गुटों में विभाजित हो गई थी तो देशमुख ने आरोप लगाया था कि उनका अपहरण किया गया था, उन्हें सूरत और फिर गुवाहाटी ले जाया गया, लेकिन वह भागने में सफल रहे। शिंदे खेमे ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वहां किसी को जबरन नहीं ले जाया गया था और उन्होंने उनके लौटने के लिए निजी जेट की व्यवस्था की थी।
Today's Epaper
Related Posts
Latest News
