मुंबई-अमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना लेगी २० हजार ‘पेड़ों’ की बलि...!
Mumbai-Ahmedabad bullet train project will take the sacrifice of 20 thousand 'trees'...!

मुंबई-अमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक मानी जाती है। मोदी के इस मनभावन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए २० हजार से अधिक मैंग्रोव्ज पेड़ों की बलि चढ़ने की बात कही जा रही है, जिसका विरोध पर्यावरण प्रेमियों द्वारा किया जा रहा था लेकिन अब मुंबई उच्च न्यायालय ने २० हजार मैंग्रोव पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी है।
मुंबई : मुंबई-अमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक मानी जाती है। मोदी के इस मनभावन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए २० हजार से अधिक मैंग्रोव्ज पेड़ों की बलि चढ़ने की बात कही जा रही है, जिसका विरोध पर्यावरण प्रेमियों द्वारा किया जा रहा था लेकिन अब मुंबई उच्च न्यायालय ने २० हजार मैंग्रोव पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी है।
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने आज २१ नवंबर को मुंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि मुंबई-अमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की पूरी लाइन पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन ने इस संबंध में मुंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी।
यह अनुमति जनहित में दिए जाने की बात कहते हुए हाईकोर्ट ने इन मैंग्रोव्ज को काटने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए कंपनी को २.५ लाख पौधे लगाने की शर्त रखी है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की पीठ ने कल इस पर अपना सुरक्षित पैâसला सुनाते हुए एनएचआरसीएल कंपनी की मैंग्रोव पेड़ों की कटाई को मंजूरी दे दी।
उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दी गई मंजूरी में निर्धारित नियमों और शर्तों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया। गौरतलब हो कि ५०८ किलोमीटर की मुंबई-अमदाबाद ‘बुलेट ट्रेन’ परियोजना का १५५ किलोमीटर हिस्सा महाराष्ट्र से होकर गुजर रहा है।
इस परियोजना के लिए महाराष्ट्र में २१ से २३ किमी के क्षेत्र में हजारों पेड़ों को काटना था। इसके अनुसार, इस परियोजना के लिए मुंबई, ठाणे, पालघर में हजारों कांडल के जंगलों को काट दिया जाएगा और ठाणे में हरित पट्टी भी प्रभावित होगी।