मुंबई के चेंबूर में तलाक के बाद बच्‍चे की कस्‍टडी को लेकर पति ने की पत्‍नी की हत्‍या

Husband kills wife over custody of child after divorce in Chembur, Mumbai

मुंबई के चेंबूर में तलाक के बाद बच्‍चे की कस्‍टडी को लेकर पति ने की पत्‍नी की हत्‍या

एक पति ने अपनी पत्‍नी की चाकू घोंपकर हत्‍या कर दी है। मामला शहर के पूर्वी उपनगरीय इलाके चेंबूर की है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि विवाद बच्‍चे की कस्‍टडी को लेकर है। बता दें कि पुलिस ने आरोपी इकबाल शेख को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने बेरहमी से अपनी पत्‍नी को मौत के घाट उतारा है।

मुंबई : एक पति ने अपनी पत्‍नी की चाकू घोंपकर हत्‍या कर दी है। मामला शहर के पूर्वी उपनगरीय इलाके चेंबूर की है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि विवाद बच्‍चे की कस्‍टडी को लेकर है। बता दें कि पुलिस ने आरोपी इकबाल शेख को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने बेरहमी से अपनी पत्‍नी को मौत के घाट उतारा है।

तिलक नगर पुलिस स्‍टेशन के एक अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तारी आज जल्‍द सुबह हुई है। 36 साल का शेख अपनी पत्‍नी जारा (20) से अलग हो चुका था। हालांकि, उसने सोमवार सुबह जारा को खुद से मिलने के लिए बुलाया।

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उसने जारा से कहा कि उसे कुछ बात करनी है इसलिए मिलना जरूरी है। लेकिन जैसे ही जारा उससे मिलने के लिए मौके पर पहुंची, उसने एक हथियार से उस पर वार करना शुरू कर दिया। इससे मौके पर ही जारा की मौत हो गई।

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पुलिस ने बताया, शेख और जारा की साल 2019 में शादी हुई थी। इनका एक दो साल का बेटा है। जारा शेख पर उसे तलाक देने के लिए लगातार दबाव बना रही थी, जबकि शेख बच्‍चे को जारा के बजाय अपने पास रखने की बात कह रहा था।

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गौरतलब है कि आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है। माता-पिता के अलग होने के बाद बच्‍चे की कस्‍टडी को लेकर बात उठती है। अकसर सवाल मन में आता है कि बच्‍चे पर किसका अधिकार है, मां का या उसके पिता का।

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देश का कानून कहता है कि बच्‍चे की उम्र अगर पांच साल से कम है तो उसकी कस्‍टडी मां को दी जाती है और अगर वह नौ साल से ऊपर का है तो कोर्ट बच्‍चे से उसकी मर्जी जानना चाहता है कि वह मां के पास रहना चाहता है या पिता के पास। बच्‍चा अगर बड़ा है तो कोर्ट अकसर उसे अपने पास रखने का अधिकार पिता को देता है, जबकि अगर बेटी है तो मां को यह अधिकार मिलता है।

कस्‍टडी की भी कई प्रक्रिया होती है। कई दफा बच्‍चों की देखभाल की जिम्‍मेदारी माता-पिता दोनों को दी जाती है। फिजिकल कस्‍टडी में किसी एक को प्राइमरी गार्डियन बनाया जाता है, जिसके पास बच्‍चे के रहने की अनु‍मति दी जाती है, जबकि इसमें दूसरे को विजिटेशन की इजाजत दी जाती है। इसके अलावा, कानून में ज्‍वाइंट कस्‍टडी का भी जिक्र है जिसमें बच्‍चा एक निश्चित समय के लिए दोनों के पास रह सकता है।

Sabri Human Welfare Foundation Ngo

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