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Read More... मुंबई : इंश्योरेंस कंपनी ने विदेश में कैंसर के इलाज के क्लेम को खारिज कर दिया था; 66.50 लाख देने का आदेश
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By Online Desk
मुंबई सबअर्बन डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन ने एक इंश्योरेंस कंपनी को शहर के एक रहने वाले को ₹66.50 लाख देने का आदेश दिया है। कमीशन ने कहा कि कंपनी ने गलत तरीके से उसके विदेश में कैंसर के इलाज के क्लेम को खारिज कर दिया था। कमीशन ने माना कि इंश्योरेंस कंपनी गलत ट्रेड प्रैक्टिस अपनाने की दोषी है और दो महीने के अंदर पैसे देने का आदेश दिया, साथ ही मुआवजा और मुकदमे का खर्च भी देना होगा।यह फैसला कमीशन के प्रेसिडेंट समिंदरा आर सुर्वे और मेंबर समीर एस कांबले ने अक्टूबर के आखिर में सुनाया। लुधियाना : निजी अस्पताल लापरवाह उपचार; पीडि़ता को सात लाख 50 हज़ार रुपए का मुआवजा प्रदान करने का आदेश
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उपभोक्ता आयोग कांगड़ा की अदालत ने एक अहम फैसले में पंजाब के लुधियाना के एक निजी अस्पताल व उसके चिकित्सकों को लापरवाह उपचार का दोषी ठहराते हुए अस्पताल की बीमा कंपनी द्वारा पीडि़ता को सात लाख 50 हज़ार रुपए का मुआवजा प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही अस्पताल को उपभोक्ता महिला को 20 हज़ार रुपए न्यायिक शुल्क के रूप में हुए खर्च के तौर भी भी अदा करने होंगे। उपभोक्ता आयोग कांगड़ा के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा व सदस्य आरती सूद की खंडपीठ ने उक्त अहम फैसला सुनाया है। मुंबई : एयर एंबुलेंस से तीन दिन की नवजात बच्ची को उपचार के लिए नारायणा अस्पताल भेजा गया
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दिल में छेद की बीमारी से पीड़ित तीन दिन की नवजात बच्ची को उपचार के लिए एयर एंबुलेंस से मुंबई के नारायणा अस्पताल भेजा गया है। एयर एंबुलेंस से भेजी जाने वाली यह सबसे कम उम्र की बच्ची बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार एक परिवार में जुड़वा बच्चे हुए। बेटा पूरी तरह स्वस्थ है, लेकिन जन्म लेते ही बेटी की हालत बिगड़ गई। जांच में पता चला कि बच्ची का हृदय सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। सिहोरा के दाहिया परिवार ने प्रसव पीड़ा होने पर बहू शशि को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उन्होंने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। बेटा स्वस्थ निकला, लेकिन बेटी की स्थिति गंभीर थी। नई दिल्ली : मोटर दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस चिकित्सा उपचार की योजना तैयार की जाए; सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया
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देशभर में बढ़ते सड़क दुर्घटना को देखते हुए बीते 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि मोटर दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस चिकित्सा उपचार की योजना तैयार की जाए। अब इस योजना की शुरुआत में देरी होने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र फटकार लगाई है। साथ ही सड़क परिवहन मंत्रालय को देरी को लेकर स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया। 