मुंबई : अस्थि विसर्जन करने गए तीन लोग समुद्र में डूबे; दो की मौत एक अस्पताल में भर्ती
Mumbai: Three people who went to immerse ashes drowned in the sea; two died and one admitted in hospital

हाजी अली के पास स्थित लोटस जेट्टी पर अस्थि विसर्जन के दौरान एक दुखद घटना घटी, जहां तीन लोग समुद्र में डूब गए। यह हादसा उस समय हुआ जब मृतक की अस्थियों को धार्मिक रीति-रिवाज के तहत समुद्र में प्रवाहित किया जा रहा था। शनिवार शाम करीब 5:40 बजे यह घटना मनपा के आपातकालीन नियंत्रण कक्ष को रिपोर्ट की गई। ताडदेव पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मियों ने स्थानीय मछुआरों की मदद से तीनों लोगों को समुद्र से बाहर निकाला और तुरंत मनपा संचालित नायर अस्पताल में भर्ती कराया।
मुंबई : हाजी अली के पास स्थित लोटस जेट्टी पर अस्थि विसर्जन के दौरान एक दुखद घटना घटी, जहां तीन लोग समुद्र में डूब गए। यह हादसा उस समय हुआ जब मृतक की अस्थियों को धार्मिक रीति-रिवाज के तहत समुद्र में प्रवाहित किया जा रहा था। शनिवार शाम करीब 5:40 बजे यह घटना मनपा के आपातकालीन नियंत्रण कक्ष को रिपोर्ट की गई। ताडदेव पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मियों ने स्थानीय मछुआरों की मदद से तीनों लोगों को समुद्र से बाहर निकाला और तुरंत मनपा संचालित नायर अस्पताल में भर्ती कराया।
हालांकि 51 वर्षीय संतोष विश्वेश्वर और 45 वर्षीय कुणाल कोकाटे को अस्पताल लाने से पहले ही मृत घोषित कर दिया गया। तीसरे व्यक्ति की पहचान 58 वर्षीय संजय सरवणकर के रूप में हुई है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है और डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत स्थिर है। स्थानीय रहिवासी ने बताया कि संतोष विश्वेश्वर के नानी की मौत हो गई थी, जिनका शनिवार को 12 वां था। उनकी अस्थि को लेकर तीन से चार लोग समुद्र में गए थे। कुणाल कोकाटे विशेश्वर का पारिवारिक दोस्त था, जिसकी भी इस घटना में मौत हो गई। पुलिस इस हादसे के कारणों की जांच कर रही है। चेतावनी के बावजूद वे पानी में उतरे और समुद्र की तेज लहरों में बह गए।
मना करने पर भी पानी में गए थे
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, संभवतः तीनों लोग अस्थि विसर्जन के दौरान समुद्र में काफी अंदर चले गए थे, जिससे यह दुर्घटना घटी। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि विशेष रूप से मानसून के दौरान ऐसे धार्मिक कार्यक्रम करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें। ताड़देव पुलिस ने बताया कि डूबने वाले लोगों को पानी में न जाने की चेतावनी दी गई थी, क्योंकि वहां की चट्टानें फिसलन भरी थीं और समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही थीं। लेकिन इसके बावजूद वे पानी में जाने पर अड़े रहे। एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पुलिसकर्मियों से बहस की और लिखित नियम दिखाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वे अपनी दादी की अस्थियां विसर्जित करने आए हैं।