मुंबई-पुणे समेत महाराष्ट्र के इन शहरों में होगी युद्ध के सायरन की मॉक ड्रिल
Mock drill of war siren will be held in these cities of Maharashtra including Mumbai-Pune
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़े तेवर दिखाए हैं। हालात ऐसे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच जंग भी हो सकती है। जंग जैसे हालात को देखते हुए भारत ने तैयारी शुरू कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों को मॉक ड्रिल करने को कहा है। देश भर के 244 जिलों में 7 मई को बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल होगी।
मुंबई: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़े तेवर दिखाए हैं। हालात ऐसे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच जंग भी हो सकती है। जंग जैसे हालात को देखते हुए भारत ने तैयारी शुरू कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों को मॉक ड्रिल करने को कहा है। देश भर के 244 जिलों में 7 मई को बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल होगी।
नागरिकों को दी जाएगी जानकारी
मॉक ड्रिल का मकसद नागरिकों को जंग जैसी आपात स्थिति, विशेष रूप से हवाई हमले या अन्य हमलों से निपटने के लिए तैयार करना है। यह ड्रिल नागरिकों को सुरक्षा उपायों, निकासी प्रक्रियाओं और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए प्रशिक्षित करने पर केंद्रित होगी। इस दौरान हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे, ब्लैकआउट कैसे करना है, सुरक्षित स्थानों पर कैसे पहुंचना है इन सभी के बारे में जानकारी दी जाएगी।
महाराष्ट्र में होगी मॉक ड्रिल
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर के आदेश के मुताबिक मॉक ड्रिल के लिए महाराष्ट्र सरकार भी अलर्ट मोड पर है। राज्य प्रशासन ने सभी संबंधित एजेंसियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। महाराष्ट्र में मुंबई और पुणे समेत 16 शहरों में मॉक ड्रिल की जाएगी। 1971 के बाद से केंद्र सरकार की ओर से जारी किया गया इस तरह का पहला आदेश है। इस तरह की व्यापक मॉक ड्रिल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 1971 में हुई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच जंग चल रही थी।
मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा?
>> हवाई हमले की चेतावनी देने का सायरन बजाया जाएगा।
>> मॉक ड्रिल के वक्त ब्लैकआउट यानी बत्तियां बुझाकर अंधेरा किया जाएगा।
>> आम नागरिकों को हमले के वक्त बचाव से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी।
>> अहम और संवेदनशील प्रतिष्ठानों को दुश्मन की नजर से बचाना।
>> जोखिम वाली जगहों को खाली कराना और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक ले जाने का अभ्यास करना।
>> छात्रों और सिविल डिफेंस को ट्रेनिंग दी जाएगी, आपात स्थिति में सुरक्षा की तैयारी परखी जाएगी।
>> कंट्रोल रूम के संचार उपकरणों को जांचा जाएगा, महत्वपूर्ण सुरक्षा ढांचों को छिपाया जाएगा।

