आनंदराज आंबेडकर को अमरावती सीट पर मिला औवेसी का साथ...

Anandraj Ambedkar got Owaisi's support on Amravati seat...

आनंदराज आंबेडकर को अमरावती सीट पर मिला औवेसी का साथ...

अमरावती लोकसभा सीट पर मुकाबला अब बहुकोणीय हो गया है. बीजेपी की तरफ से इस सीट पर मौजूदा सांसद नवनीत राणा को टिकट दिया गया है. वहीं कांग्रेस की तरफ से बलवंत वानखेड़े, वंचित बहुजन अघाड़ी की तरफ से प्राजक्ता पिल्लेवान और प्रहार जनशक्ति पार्टी की तरफ से दिनेश बूब को मैदान में उतारा गया है. बता दें कि अमरावती लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा आती है. 

अमरावती: लोकसभा चुनाव को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मियां लगातार तेज होती जा रही है. सभी राजनीतिक पार्टियों जोर-शोर से प्रचार प्रसार में जुटी हुई है. इसी बीच महाराष्ट्र की अमरावती लोकसभा सीट सुर्खियों में बनी हुई है. इस सीट पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के पोते और रिपब्लिकन सेना नेता आनंदराज आंबेडकर चुनाव लड़ रहे है. जिनका ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन पार्टी प्रमुख और सासंद असदुद्दीन औवेसी ने समर्थन किया है.

एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि मुझे डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर के पोते आनंदराज आंबेडकर, जो अमरावती से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, को एआईएमआईएम के समर्थन की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है. मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को उनकी जीत के लिए काम करने की सलाह देता हूं.

बता दें कि आनंदराज आंबेडकर ने एआईएमआईएम का समर्थन मांगने के लिए इम्तियाज जलील से कुछ दिन पहले मुलाकात की थी. जिसके बाद इम्तियाज जलील की तरफ से कहा गया था कि पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से चर्चा के बाद समर्थन पर फैसला लिया जाएगा. वहीं अब ओवैसी ने खुद समर्थन देने की बात कहीं है.

अमरावती लोकसभा सीट पर मुकाबला अब बहुकोणीय हो गया है. बीजेपी की तरफ से इस सीट पर मौजूदा सांसद नवनीत राणा को टिकट दिया गया है. वहीं कांग्रेस की तरफ से बलवंत वानखेड़े, वंचित बहुजन अघाड़ी की तरफ से प्राजक्ता पिल्लेवान और प्रहार जनशक्ति पार्टी की तरफ से दिनेश बूब को मैदान में उतारा गया है. बता दें कि अमरावती लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा आती है. 

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इस सीट पर खास बात जो देखने को मिली है वो है यहां जिस भी राजनीतिक दल ने महिला को चुनाव मैदान में उतारा है उन्हें जीत हासिल हुई है. पहली बार साल 1980 में कांग्रेस ने उषा चौधरी को टिकट दिया. उन्होंने जीत हासिल की थी. इसके बाद 1991 में प्रतिभा पाटिल ने कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2019 में नवनीत राणा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.

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