मुंबई में गड्ढे की जिम्मेदारी ठेकेदारों पर... मनपा ने 3 साल का दिया ठेका
The responsibility of the potholes in Mumbai is on the contractors... Municipal Corporation gave the contract for 3 years
मनपा प्रशासन द्वारा मानसून पूर्व शुरू की गई नाला सफाई का कीचड़ दोबारा नाले में डालने का काम मंगलवार को हुई बारिश ने किया। मनपा प्रशासन ने इस साल मानसून पूर्व सड़क पर पड़ने वाले गढ्ढों को भरने की पूरी जिम्मेदारी ठेकेदारों पर डालने का कदम उठाया है।
मुंबई : जिस तरह मानसून ने करवट बदला है किसानों की हालत तो खस्ता की ही है। मुंबई की सड़को को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। मनपा प्रशासन द्वारा मानसून पूर्व शुरू की गई नाला सफाई का कीचड़ दोबारा नाले में डालने का काम मंगलवार को हुई बारिश ने किया। मनपा प्रशासन ने इस साल मानसून पूर्व सड़क पर पड़ने वाले गढ्ढों को भरने की पूरी जिम्मेदारी ठेकेदारों पर डालने का कदम उठाया है।
गढ्ढा भरे जाने के बाद उसकी आगे की देखभाल और मरम्मत की जिम्मेदारी तीन साल तक ठेकेदार पर होगी । गड्ढे दोबारा उखड़ गए तो ठेकेदार पर दंड लगाया जाएगा और ब्लैक लिस्टेड करने का भी प्रावधान किया गया है। मनपा प्रशासन ने मानसून के दौरान सड़क पर पड़ने वाले गढ्ढों को भरने के लिए इस साल रैपिड हार्डनिंग कंक्रीट और रिएक्टिव डामर तकनीकी का सहारा लेने का निर्णय लिया है ।इस पद्धति से भरे गए गढ्ढों पर दोबारा वाहन 15 में दौड़ने लगेगी।
मनपा ने नई पद्धति से गढ्ढे भरने के लिए कंपनियों को ठेका भरने के लिए निविदा निकाली है और उन्हे लाइव डेमो देने का निर्देश दिया है।मानसून के दौरान सड़क पर पड़ने वाले गढ्ढों से मनपा की बड़ी छीछालेदर होती है. इसके लिए मनपा ने नई तकनिकी अपनाने का निणर्य लिया है। रिएक्टिव डामर तकनीक का उपयोग करने जा रही है।
जो भारी बारिश में भी गड्ढों को भर सकता है। इस तकनीक से गड्ढे भरने के 15 मिनट बाद ही सड़क पर यातायात शुरू किया जा सकेगा। साथ ही रैपिड हार्डनिंग तकनीक का उपयोग भी गड्ढों को भरने के लिए किया जाएगा जो केवल छह घंटों में पूरी क्षमता से यातायात शुरू कर सकता है। रिएक्टिव डामर तकनीक का उपयोग करने जा रही है। जो भारी बारिश में भी गड्ढों को भर सकता है।
इस तकनीक से गड्ढे भरने के 15 मिनट बाद ही सड़क पर यातायात शुरू किया जा सकेगा। साथ ही रैपिड हार्डनिंग तकनीक का उपयोग भी गड्ढों को भरने के लिए किया जाएगा जो केवल छह घंटों में पूरी क्षमता से यातायात शुरू कर सकता है। इसके लिए बीएमसी प्रशासन ने ठेकेदारों से टेंडर मंगाए हैं।
ठेकेदारों को इस काम का बीएमसी प्रशासन के सामने लाइव डेमो देना होगा। साथ ही काम के तीन साल बाद तक गड्ढों को भरने की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की रहेगी। यदि तीन वर्ष के भीतर गड्ढे भरने में लापरवाही की जाती है तो ठेकेदार पर जुर्माना या उसे ब्लैक लिस्ट में डालने की कार्रवाई की जाएगी। मनपा अधिकारी ने बताया कि बारिश के दौरान मुंबई में बड़े पैमाने पर गड्ढों की समस्या सामने आती है।
लोग सोशल मीडिया सहित अन्य न्यूज के माध्यम से आलोचना होती है। इस समस्या से निपटने के लिए मनपा प्रशासन ने पिछले कुछ वर्षों से गड्ढों को भरने के लिए नवीनतम तकनीक कोल्डमिक्स का प्रयोग शुरू किया है। हालांकि भारी बारिश के बाद कोल्ड मिक्स बह जाता है जिससे सड़कों पर दोबारा गड्ढे दिखाई देने लगते हैं। सड़कों पर बार-बार गड्ढे पड़ने के कारण लोगों को परेशानी होती है।
कई बार दो पहिया वाहनों की दुर्घटना होती है। बता दें कि पिछले मॉनसून में सड़कों पर गड्ढों की वजह से मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबईकरों को गड्ढों से मुक्ति दिलाने की बात कही थी। इसी के तहत सड़क को अधिक प्रमाण पर सीमेंट कंक्रीट करने का निर्देश दिया था। । पिछले वर्ष 1 अप्रैल से सितंबर 2022 तक बीएमसी ने मुंबई की सड़कों पर 36000 गड्ढे भरे थे।
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