मनपा के पास आए जल नीति के तहत छह हजार आवेदन... सात सौ परिवारों को ही मिल पाया नल कनेक्शन

Six thousand applications under the water policy came to the Municipal Corporation, only seven hundred families could get the tap connection

मनपा के पास आए जल नीति के तहत छह हजार आवेदन... सात सौ परिवारों को ही मिल पाया नल कनेक्शन

मनपा रोजाना मुंबई में 3,850 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति करती है। इसमें से 27 फीसदी यानी करीब 700 से 80 0 करोड़ लीटर पानी चोरी और लीकेज की वजह से बर्बाद हो जाता है। मनपा इस पर काबू पाने का प्रयास कर रही है पर  सफल नहीं हो पाई है। इसलिए  सब को जल नीति के क्रियान्वयन से रिसाव व चोरी पर लगाम  लगेगी। इसके लिए मनपा अधिकारियो को कठोर कदम उठाने होंगे। मनपा के कठोर कदम उठाने से दूषित पानी की समस्या  में भी मदद मिलेगी। 

मुंबई :  केंद्र सरकार की सभी को जल के तहत मनपा प्रशासन ने भी सभी को नल कनेक्शन देने का निर्णय  लिया। मनपा द्वारा यह निर्णय लेकर लगभग एक साल बीत जाने के बावजूद अब तक मात्र 700  परिवारों को नल कनेक्शन मिल पाया है। नल कनेक्शन के लिए मनपा के पास अब तक  6,500 से अधिक आवेदन आ चुके  हैं। बता दे कि नल कनेक्शन की सबसे बड़ी समस्या झोपड़ पट्टी इलाको में होती है। मुंबई के दहिसर स्थित गणपत पाटिल नगर, मानखुर्द के महाराष्ट्र नगर, मलाड पश्चिम के अंबुजवाड़ी और भीमनगर  में पानी के कनेक्शन को लेकर सबसे अधिक आवेदन आए।

इसी तरह  वर्सोवा  के सिद्धार्थ नगर में भी नल कनेक्शन को लेकर आवेदन आए है मनपा द्वारा इन इलाको से आए आवेदन में अब तक मात्र 700 परिवारों को कनेक्शन दिया जा चुका है। मनपा का कहना है की दहिसर स्थित गणपत पाटिल नगर में और कनेक्शन देने का काम किया जा रहा है। मुंबई में 1 मई 2022 से 'जल' नीति का कार्यान्वयन की गई है। इस नीति के तहत नल कनेक्शन पाने के लिए  मुंबई की झुग्गियों से अधिक आवेदन आए है। 5 परिवारों के लिए एक आवेदन के रूप में करीब सात हजार परिवारों ने आवेदन किया है।

अवैध झोपड़ पट्टियों, सड़कों और फुटपाथों पर झोपड़ा बनाकर रहने वाले लोगो और सरकारी  भूखंडों पर बनाए गए झोपड़ा धारकों को पानी के नल  कनेक्शन नहीं दिए जाते थे। लोगो को  पानी खरीद कर अपना  जीवन यापन करने के लिए मजबूर होना पड़ता था। लोगो को दस से बीस  रुपए लीटर और एक ड़िब्बे पानी के लिए  50 से 100 रुपए खर्च करने पड़ते थे । इसका फायदा झोपड़ी दादाओं को होता था। झोपड़ी दादा  अवैध रूप से पानी उपलब्ध करने के लिए  पानी की चोरी का सहारा लेते थे जिससे पाइप लाइन का भी नुकसान होता था और पानी भी बहता रहता था। सब को जल नीति से पानी माफियाओं पर लगाम लगनी थी। मनपा अधिकारियों की धीमी गति से उठाए जा रहे कदम से केंद्र सरकार की योजना पर पानी फिर रहा है।

मनपा रोजाना मुंबई में 3,850 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति करती है। इसमें से 27 फीसदी यानी करीब 700 से 80 0 करोड़ लीटर पानी चोरी और लीकेज की वजह से बर्बाद हो जाता है। मनपा इस पर काबू पाने का प्रयास कर रही है पर  सफल नहीं हो पाई है। इसलिए  सब को जल नीति के क्रियान्वयन से रिसाव व चोरी पर लगाम  लगेगी। इसके लिए मनपा अधिकारियो को कठोर कदम उठाने होंगे। मनपा के कठोर कदम उठाने से दूषित पानी की समस्या  में भी मदद मिलेगी। 

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