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महाराष्ट्र में EVM गड़बड़ी का दावा FAKE, किसी भी चुनावी ड्यूटी में शामिल नहीं था बर्खास्त पुलिस अधिकारी

महाराष्ट्र में EVM गड़बड़ी का दावा FAKE, किसी भी चुनावी ड्यूटी में शामिल नहीं था बर्खास्त पुलिस अधिकारी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज्य में नई सरकार का गठन हो चुका है और देवेंद्र फडणवीस राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं। इस बीच महाराष्ट्र पुलिस के एक अधिकारी के हवाले से यह दावा किया जा रहा है कि उसके सामने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ की गई और उसे इसके बदले में चुप रहने के लिए कथित तौर पर 10 लाख रुपये तक की रकम दी गई।
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EVM पर सुप्रिया सुले का बयान, चार बार ईवीएम से वोट करके निर्वाचित हुई तो मैं कैसे कह सकती हूं कि इसमें गड़बड़ी हुई है

EVM पर सुप्रिया सुले का बयान, चार बार ईवीएम से वोट करके निर्वाचित हुई तो मैं कैसे कह सकती हूं कि इसमें गड़बड़ी हुई है सुप्रिया सुले ने कहा, ''ईवीएम में गड़बड़ी का पूरा मामला बहुत ही परेशान करने वाला है. इसमें क्या तकनीकी समस्या है या वोटर लिस्ट में कोई गड़बड़ी है, इसपर चर्चा करने की जरूरत है. जब तक हमारे हाथ टेक्निकल सबूत नहीं आते हैं, तब तक EVM पर आरोप लगाना ठीक नहीं है क्योंकि इसी ईवीएम से मैं खुद 4 बार चुनाव जीत चुकी हूं.''
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मराठा प्रदर्शनकारियों के खेल से प्रशासन के सामने 'मुश्किल'... EVM की जगह बैलेट पेपर पर वोटिंग ?

 मराठा प्रदर्शनकारियों के खेल से प्रशासन के सामने 'मुश्किल'...  EVM की जगह बैलेट पेपर पर वोटिंग ? धाराशिव जिले में 736 गाँव हैं. बार्शी और औसा तालुका में 150 से अधिक गाँव हैं। अगर 384 से ज्यादा उम्मीदवार खड़े होते हैं तो चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से कराना पड़ेगा. मराठा आरक्षण के अनुरूप आगामी लोकसभा चुनाव में मराठा समुदाय से और अधिक नामांकन दाखिल होने की संभावना है. प्रशासन का कहना है कि अगर ज्यादा नामांकन आए तो ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराना पड़ेगा.
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ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से वोटिंग होनी चाहिए -  राज ठाकरे 

ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से वोटिंग होनी चाहिए -  राज ठाकरे  राज ठाकरे ने शरद पवार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कभी छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम नहीं लेने वाले शरद पवार को आज उनकी याद आई. उन्होंने कहा कि शरद पवार ने छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम शायद  इसलिए नहीं लिया क्योंकि उन्हें लगा कि अगर वो उनका नाम लेगें तो मुसलमानों का वोट कट जाएगा और अब उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज की याद आ रही है.
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