बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण महाराष्ट्र में किसान आंसू बहाने को मजबूर...

Farmers in Maharashtra are forced to shed tears due to unseasonal rains and hailstorms.

बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण महाराष्ट्र में किसान आंसू बहाने को मजबूर...

मराठवाड़ा के अधिकांश जिलों में ओलावृष्टि के साथ मूसलाधार बारिश हुई। इसमें धाराशिव, बीड, लातूर, जालना जिले शामिल हैं। इस बेमौसम बारिश से अंगूर और आम के बाग क्षतिग्रस्त हुए हैं। नंदापुर, कड़वांची, पीरकल्याण क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि हुई। इससे इन क्षेत्रों में अंगूर, गेहूं, ज्वार, प्याज जैसी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। बीड में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से कृषि फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इसने कपास के खेतों को नुकसान पहुंचाया है, जबकि ज्वार की भूमि गीली हो गई है। कटी हुई फसल बारिश से भीग गई है। परिणामस्वरूप खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गर्इं और किसानों पर आर्थिक संकट बहुत बढ़ गया।

मुंबई : पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना अब इंसानों पर ही भारी पड़ने लगा है। कुदरत अब तरह-तरह की आपदाओं के जरिए अपने क्रूर रूप को दिखा रही है। इनमें बेमौसम बारिश भी एक रूप है। इसी बेमौसम बारिश के कारण महाराष्ट्र में किसान आंसू बहाने को मजबूर हो रहे हैं। ओलावृष्टि ने कई महीनों की मेहनत से तैयार हुई फसल को बर्बाद कर दिया है, वहीं भारतीय मौसम विभाग ने अभी भी महाराष्ट्र के कई शहरों और जिलों में गरज के साथ हल्की बारिश होने की आशंका जताई है।

हालांकि, इस बेमौसम बारिश का लाभ मुंबईकरों को जरूर हुआ है। इस बारिश ने फरवरी में गर्मी की मार झेल रहे मुंबईकरों को राहत मिली है। उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने आनेवाले दिनों में हिंदुस्थान के कई हिस्सों में बारिश की आशंका जताई है। इसी क्रम में महाराष्ट्र के ज्यादातर जिलों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र में रबी सीजन की फसलों की कटाई का काम चल रहा है। इसी बीच मराठवाड़ा और उत्तरी महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश हुई। ओलावृष्टि ने कई गांवों को भी तबाह कर दिया है।

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मराठवाड़ा के अधिकांश जिलों में ओलावृष्टि के साथ मूसलाधार बारिश हुई। इसमें धाराशिव, बीड, लातूर, जालना जिले शामिल हैं। इस बेमौसम बारिश से अंगूर और आम के बाग क्षतिग्रस्त हुए हैं। नंदापुर, कड़वांची, पीरकल्याण क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि हुई। इससे इन क्षेत्रों में अंगूर, गेहूं, ज्वार, प्याज जैसी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। बीड में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से कृषि फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इसने कपास के खेतों को नुकसान पहुंचाया है, जबकि ज्वार की भूमि गीली हो गई है। कटी हुई फसल बारिश से भीग गई है। परिणामस्वरूप खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गर्इं और किसानों पर आर्थिक संकट बहुत बढ़ गया।

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