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काली-पीली टैक्सियों में राज्य सरकार ने पैनिक बटन लगाने का दिया आदेश...'पैनिक' हुए मुंबई के TAXI वाले
The state government ordered to install panic button in black and yellow taxis ... 'Panic' taxi drivers of Mumbai
काली-पीली टैक्सियों में राज्य सरकार ने पैनिक बटन लगाने का आदेश दिया था। इस फरमान को लेकर टैक्सी यूनियनों में नाराजगी है। रातभर चलने वाली टैक्सियों में यात्री सुरक्षा, खास तौर पर महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पैनिक बटन लगाने का आदेश दिया गया था। इस पर यूनियन ने मुख्य सचिव (परिवहन) पराग जैन को पत्र लिखा है, जिसमें पैनिक बटन लगाने की असमर्थता जताई है।
मुंबई: काली-पीली टैक्सियों में राज्य सरकार ने पैनिक बटन लगाने का आदेश दिया था। इस फरमान को लेकर टैक्सी यूनियनों में नाराजगी है। रातभर चलने वाली टैक्सियों में यात्री सुरक्षा, खास तौर पर महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पैनिक बटन लगाने का आदेश दिया गया था। इस पर यूनियन ने मुख्य सचिव (परिवहन) पराग जैन को पत्र लिखा है, जिसमें पैनिक बटन लगाने की असमर्थता जताई है। मुंबई टैक्सिमेंस यूनियन के महासचिव ए.एल. क्वॉड्रोस ने राज्य सरकार को लिखे गए पत्र में बताया कि पिछले 60 साल से मुंबई की काली-पीली टैक्सियां चल रहीं हैं, लेकिन अब तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।
देश के अन्य शहरों के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुरक्षा को लेकर जो बातें होती हैं, उनकी तुलना में मुंबई बेहद सुरक्षित है। क्वॉड्रोस के सवाल किया कि जब कोई शिकायत की बात नहीं है, तो पैनिक बटन लगाने जैसे आदेश क्यों दिए जा रहे हैं? इससे उलट, कुछ जानकारों का कहना है कि टैक्सी वालों की सबसे बड़ी शिकायत होती है भाड़ा इनकार करने की, इस स्थिति में पैनिक बटन का दुरुपयोग हो सकता है। क्वाड्रॉस ने टैक्सियों में पैनिक बटन के इंस्टालेशन के लिए निर्भया फंड की राशि इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।
पत्र में लिखा गया है कि पैनिक बटन लगाने के लिए टैक्सी वालों पर 10 से 12 हजार रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा। पिछले 2 साल में दो बार किराया वृद्धि के कारण मीटर रीकेलिब्रेशन में भी पैसे खर्च करने पड़े थे। कोविड काल के दौरान टैक्सी वालों की सहायता के लिए कोई आगे नहीं आया था। ऐसे में कमाई के जरिए कम हो गए, जबकि सरकार अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल रही है। क्वाड्रॉस ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार निर्भया फंड का कोई इस्तेमाल नहीं कर रही है, फंड खर्च नहीं है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक बटन लगाने की परियोजना बनाई गई। यात्रा के दौरान कोई गड़बड़ी होने पर वाहन में मौजूद पैनिक बटन को दबाया जाता है। इससे आस-पास के कंट्रोल रूम या पीसीआर वैन या पुलिस की वायरलेस वैन में सूचना मिल जाएगी। पुलिस अलर्ट होने पर संबंधित वाहन को ट्रैक कर अनहोनी को टाला जा सकता है। महिला यात्री ही नहीं कोई भी यात्री आपातकालीन स्थिति में इस बटन का इस्तेमाल कर सकता है।
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