आदिल शाही वंश के कमांडर अफजल खान की कब्र के अवैध निर्माण पर चला महाराष्ट्र सरकार का बुलडोजर... सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई
Maharashtra government's bulldozer on illegal construction of tomb of Adil Shahi dynasty commander Afzal Khan... Supreme Court will hear today
बीजापुर के आदिल शाही वंश के कमांडर अफजल खान के मकबरे को लेकर सियासत एक बार फिर गरमाई है। सरकारी जमीन पर बने कथित अनधिकृत ढांचे पर सरकार का बुलडोजर चला। वहीं ढांचे को गिराए जाने को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में की गई है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
पुणे: बीजापुर के आदिल शाही वंश के कमांडर अफजल खान के मकबरे को लेकर सियासत एक बार फिर गरमाई है। सरकारी जमीन पर बने कथित अनधिकृत ढांचे पर सरकार का बुलडोजर चला। वहीं ढांचे को गिराए जाने को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में की गई है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने इस दलील का संज्ञान लिया कि अफजल खान के मकबरे को इस आधार पर ध्वस्त किया जा रहा है कि यह वन भूमि पर बने होने के कारण अवैध था। अफजल खान को 1659 के आसपास दफनाया गया था।
कोर्ट मकबरे के आसपास अनधिकृत ढांचे को ढहाए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए सहमत हो गया।
अफजल खान महाराष्ट्र के सतारा जिले में प्रतापगढ़ किले के पास छत्रपति शिवाजी महाराज के हाथों मारे गए थे और बाद में उनकी याद में एक मकबरा बनाया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार तड़के इसे ढहाए जाने का काम शुरू किया गया। महाराष्ट्र में सतारा जिला प्रशासन ने गुरुवार को बीजापुर के आदिल शाही वंश के सेनापति अफजल खान के मकबरे के आसपास सरकारी जमीन पर बने अनधिकृत ढांचों को ध्वस्त कर दिया।
अफजल खान सतारा जिले में प्रतापगढ़ किले के पास मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के हाथों मारा गया था। बाद में, उसकी याद में वहां एक मकबरा बनाया गया था।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इन ढांचों को हाई कोर्ट के आदेश के तहत ढहाया गया है। उन्होंने इसे गौरवशाली दिवस करार दिया। अनधिकृत ढांचों को उस दिन ढहाया गया है, जिस दिन 1659 में महान मराठा राजा के हाथों खान मारा गया था। इसे महाराष्ट्र में कुछ संगठन 'शिवप्रताप दिन' के रूप में मनाते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच गुरुवार तड़के ढांचों को ध्वस्त करने की कवायद शुरू की गई, जो अब भी जारी है। सतारा के जिलाधिकारी रुचिश जयवंशी ने बताया कि अफजल खान मकबरा परिसर के आसपास बने पक्के कमरों जैसे अवैध ढांचों को जिला प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है।
अधिकारी ने बताया कि अनधिकृत ढांचा 15 से 20 गुंठा भूमि (एक गुंठा 1,089 वर्ग फुट के बराबर) पर फैला हुआ था। जमीन का कुछ हिस्सा वन विभाग का है, जबकि कुछ हिस्सा राजस्व विभाग का है।
फडणवीस ने कहा कि वर्ष 2007 में अदालत ने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। वर्ष 2017 में ही हमने प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन कुछ कानूनी समस्याएं सामने आईं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'शिव-प्रेमियों (शिवाजी महाराज के अनुयायियों) की ओर से (अतिक्रमण हटाने की) मांगें की गई थीं, लेकिन जब उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया, तो उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए, लेकिन अतिक्रमण कभी नहीं हटाया जा सका। आज यह सभी के लिए संतोष की बात है कि पूरा अतिक्रमण हटा दिया गया है।'
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